सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में शुक्रवार को सबसे ज्यादा गिरावट बैंकिंग शेयरों (Banking Stock) में रही. एनएसई (NSE) पर बैंक निफ्टी, पीएसयू बैंक और प्राइवेट बैंक इंडेक्स सबसे ज्यादा टूटने वाले सेक्टोरल इंडेक्स थे. 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1200 अंक से अधिक गिरकर 59,000 से नीचे आ गया और एनएसई निफ्टी 400 अंक गिरकर 17,500 से नीचे आ गया. बैंक निफ्टी 1296 अंक या 3.11 फीसदी गिरकर 40,351.65 पर आ गया. इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के शेयर सबसे अधिक टूटे हैं.
रिपोर्ट ने मचाई खलबली
Hindenburg की रिपोर्ट ने मार्केट के सेंटिमेंट को प्रभावित किया है. रिपोर्ट के सामने के बाद से अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में भारी उथल-पुथल मचा है. सभी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों के कर्ज को लेकर चेतावनी दी गई. बैंकिंग स्टॉक में आई गिरावट की एक वजह से इसे भी माना जा सकता है.
इसलिए बैंकिंग शेयरों में खासतौर पर पब्लिक सेक्टर के बैंकों के शेयरों में तेज बिकवाली देखने को मिल रही है. बैंक निफ्टी ने 41,500 के अपने 100-DMA को सरेंडर कर दिया है, जिसके कारण कई स्टॉप लॉस शुरू हो गए हैं. इसकी वजह से आगे बिकवाली का दबाव बढ़ रहा है.
बजट से पहले निवेशक सतर्क
बैंकिंग स्टॉक में आ रही है गिरावट की दूसरी वजह आगामी आम बजट को माना जा रहा है. बजट के करीब आते ही बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है. निवेशक बजट से पहले खुद को सुरक्षित करने की कोशिश में जुटे हैं, ताकी बजट में होने वाले ऐलान के बाद अगर मार्केट प्रभावित होता है, तो वो नुकसान से बच सके. बैंक निफ्टी में रोलओवर 84 फीसदी रहा, जो इसके तिमाही औसत 86.2 फीसदी से कम है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करेंगी.
इन सरकारी बैंकों के शेयर टूटे
देश के सबसे बड़े सराकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों में आज 4.71 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. पंजाब नेशनल बैंक के शेयर भी 4.84 फीसदी टूटे. बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर सात फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. अमेरिकी रिसर्च फर्म Hindenburg की रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं.
विदेशी निवेशकों की बिक्री
विदेशी इंस्टीट्यूशनल निवेशकों ने 25 जनवरी तक 23,254.43 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. बुधवार को भी FPI ने शुद्ध रूप से 2393.94 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. भारतीय बाजारों से FPI फंडों की लगातार निकासी से बाजार का सेंटिमेंट प्रभावित हुआ है.