देश के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार अग्निपथ योजना (Agnipath) लेकर आई है. इसके तहत चुने हुए युवाओं को 'अग्निवीर' ( Agniveers) के रूप में जाना जाएगा. सरकार द्वारा इस योजना के ऐलान के बाद से ही युवा 'अग्निपथ योजना' के विरोध में उतर गए हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश में इसके खिलाफ प्रदर्शन उग्र हो चुका है. दूसरी तरफ सरकार इस स्कीम के तहत देश के युवाओं को मिलने वाली तमाम तरह की सुविधओं के बारे में बता रही है.
इस स्कीम को लेकर वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB), सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों (PSIC) और वित्तीय संस्थानों (FI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक की.
वित्तीय संस्थान तलाशेंगे ‘अग्निवीर’ के लिए रोजगार
'अग्निवीर' के कार्यकाल पूरा होने के बाद देश के बैंक और वित्तीय संस्थान उनकी मदद कैसे कर सकते हैं, इसके लिए ये बैठक बुलाई गई थी. अधिकारियों की इस मीटिंग में सैन्य मामलों के कई मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में फैसला किया गया कि सरकार द्वारा दी जा रही छूट के माध्यम से PSB, PSIC और देश के वित्तीय संस्थान ‘अग्निवीर’ के क्वालिफिकेशन के अनुसार उनके लिए रोजगार के अवसरों की खोज करेंगे.
सरकारी योजनाओं से मदद
इसके अलावा यह भी फैसला लिया गया कि बैंक 'अग्निवीर' की सहायता करने की संभावनाओं का पता लगाएंगे. कौशल विकास, व्यवसाय स्थापित करने को लेकर शिक्षा और स्वरोजगार के लिए लोन के माध्यम से बैंक 'अग्निवीर' की मदद करेंगे. 'अग्निवीर' को इस तरह की सहायता देने के लिए मौजूदा सरकारी योजनाओं जैसे कि मुद्रा (Mudra) और स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाओं की सहायता ली जाएगी
सरकार ने कहा है कि इस योजना के तहत 2022 में कुल 46 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. अग्निवीरों को 30 हजार से 40 हजार महीना सैलरी और अन्य फायदे दिए जाएंगे. 'अग्निपथ योजना' (Agnipath Scheme) के तहत आर्मी (Army), नेवी (Navy) और एयरफोर्स (Air Force) में जवानों की भर्तियां होंगी. इनका रैंक मौजूदा रैंक से अलग होगा और ये 'अग्निवीर' (Agniveer) कहलाएंगे.
क्यों हो रहा विरोध
देश के कुछ हिस्सों में अग्निपथ योजना का विरोध हो रहा है. छात्रों का कहना है कि केवल 4 साल नौकरी का मौका मिलेगा, उसके बाद फिर क्या होगा? इसके जवाब में सरकार का कहना है कि अधिकतर युवा 12वीं के बाद स्किल ट्रेनिंग लेते हैं या हायर एजुकेशन लेते हैं और फिर जॉब ढूंढते हैं. उन्हें चार साल के लिए नौकरी मिलेगी और जॉब के दौरान ही उन्हें स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी.