वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में एक सवाल के जबाव में देश के बैंकों द्वारा बट्टे खाते में डाले गए कर्ज का आंकड़ा पेश किया. उन्होंने बताया कि बीते पांच वित्त वर्षों में कुल 10,09,511 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज (NPA) बट्टे खाते में डाले गए हैं और बैंक के बही खाते से हटा दिए गए हैं.
वित्त मंत्री ने पेश किया आंकड़ा
बीते पांच वित्तीय वर्षों में बट्टे खाते में डाले गए फंसे हुए लोन (NPA) का आंकड़ा पेश करते हुए Nirmala Sitharaman ने बताया कि RBI के दिशा-निर्देशों और अपने निदेशक मंडल की मंजूरी के तहत बैंक अपने बही-खाते को दुरुस्त करते हैं. इसी क्रम में फंसे हुए कर्ज को भी बट्टे खाते में डाला जाता है. उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के हवाले से कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB) ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान 10,09,511 करोड़ रुपये की राशि को बट्टे खाते में डाला है.
बैंक जारी रखते हैं लोन की वसूली
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि Written Off किए गए लोन से कर्जदार को कोई लाभ नहीं होता है, वे पुनर्भुगतान के लिए उत्तरदायी बने रहेंगे और बकाये की वसूली की प्रक्रिया जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि बैंक मौजूदा उपायों के जरिए बट्टे खाते में डाली राशि की वसूली का काम जारी रखते हैं. इन उपायों में कोर्ट या कर्ज वसूली न्यायाधिकरणों में मुकदमा दायर करना, दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के तहत मामले दर्ज करना शामिल हैं.
2021-22 में इतना कर्ज बट्टे खाते में
सवाल के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान कुल 6,59,596 करोड़ रुपये की वसूली की है. इसमें बट्टे खाते में डाले गए लोन में से 1,32,036 करोड़ रुपये की वसूली भी शामिल है. इस संबंध में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड (Bhagwat Karad) ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 SCB द्वारा 1,74,966 करोड़ रुपये के कर्ज बट्टे खाते में डाले. उन्होंने कहा कि RBI के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में बट्टे खाते में डाले गए लोन में से 33,534 करोड़ रुपये की वसूली की गई है.
'बट्टे खाते में कर्ज डालना, माफ करना नहीं'
पीटीआई के मुताबिक, कंपनियों द्वारा लिए गए बड़े कर्ज को लेकर पूछे गए सवाल के उत्तर में निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्होंने कहा, यह कहना गलत है कि बट्टे खाते में डालकर हम उस राशि को अपना नुकसान मान रहे हैं. सरकार ने बड़ी कंपनियों द्वारा लिए गए कर्ज को माफ नहीं किया है. सीतारमण ने कहा कि बट्टे खाते में डालना माफ करने से अलग है.