भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज के लिए प्रीमियम भुगतान को सरल बनाने के लिए एक नया सिस्टम पेश किया है. अब लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पेमेंट करने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. यह एक ऐसा सिस्टम है, जो पहले आपके अकाउंट में प्रीमियम के पैसे को ब्लॉक कर देगा. उसके बाद पॉलिसी एक्सेप्ट होने पर अपने आप पैसा कट जाएगा.
IRDAI द्वारा 18 फरवरी को जारी परिपत्र में कहा गया है कि नया सिस्टम पॉलिसी होल्डर्स को प्रीमियम भुगतान के लिए अपने बैंक अकाउंट्स में धनराशि ब्लॉक करने की अनुमति देता है. बीमा नियामक ने कहा कि नया सिस्टम सुविधा बढ़ाएगा और पेमेंट संबंधी देरी को कम करेगा. यह सिस्टम 1 मार्च से लागू हो जाएगा.
बीमा-ASBA कैसे काम करता है?
बीमा-ASBA पॉलिसी होल्डर्स को बीमा कंपनियों को UPI के माध्यम से उनके बैंक अकाउंट्स में बीमा प्रस्ताव स्वीकार किए जाने से पहले एक निश्चित राशि ब्लॉक करने के लिए सक्षम बनाता है. पॉलिसी स्वीकृति के बाद ही अमाउंट डेबिट की जाती है और अगर अस्वीकार कर दिया जाता है, तो अमाउंट एक वर्किंग डे के भीतर ऑटोमैटिक अनब्लॉक हो जाता है.
बीमा-ASBA की खासियत
जब तक बीमाकर्ता पॉलिसी को स्वीकृत या अस्वीकृत नहीं कर देता, तब तक फंड पॉलिसीधारक के खाते में रहेगा. इस सिस्टम के तहत पॉलिसी जारी होने के बाद ही पैसे काटे जाते हैं. अगर पॉलिसी स्वीकृत नहीं होती है तो ऑटोमैटिक तौर पर रिफंड हो जाता है. अधिकत ब्लॉक टाइम 14 दिन या अंडरराइटिंग पूरी होने तक होती है. इसके बाद एक्सेप्ट होने पर अकाउंट अकाउंट से कट जाते हैं.
प्रीमियम भुगतान के लिए बैंक अकाउंट में पैसे को कैसे ब्लॉक करें?
बीमा-ASBA का विकल्प चुनना: बीमा पॉलिसी के लिए आवेदन करते समय, एक फॉर्म भरें जिसमें बैंक को आपके अकाउंट में प्रीमियम अमाउंट को रोकने का विकल्प शामिल होगा.
UPI के माध्यम से फंड ब्लॉक करना: बीमा कंपनी आपके बैंक को (अपने साझेदार बैंक के माध्यम से) आपके खाते में आवश्यक अमाउंट ब्लॉक करने के लिए रिक्वेस्ट भेजता है.
अप्रूवल और फंड रोकना: बैंक कस्टमर्स की स्वीकृति लेता है और अमाउंट रोक देता है. जब पॉलिसी एक्सेप्ट हो जाती है तो बीमाकर्ता बैंक से ब्लॉक फंड को डेबिट करने का रिक्वेस्ट करता है. अगर पॉलिसी अस्वीकृत या कैंसिल कर दी जाती है तो अमाउंट बिना कटौती के वापस कर दी जाती है.