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काला धन मामला, बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली अनिल अंबानी को बड़ी राहत

अनिल अंबानी के ऊपर आरोप है कि स्विस बैंक के दो खातों में उनके 814 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा है, जो अघोषित है और उन्होंने इस काला धन पर 420 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसे लेकर कारण बताओ नोटिस भेजा था, जिसके खिलाफ अनिल अंबानी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

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हाई कोर्ट ने दी राहत
हाई कोर्ट ने दी राहत

आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों के बाद काला धन के मामले में फंसे कारोबारी अनिल अंबानी (Anil Ambani) को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने बड़ी राहत दी है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने एक ताजा फैसले में सोमवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कहा कि वह काला धन अधिनियम (Black Money Act) के तहत अभी रिलायंस समूह (Reliance Group) के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई (Coercive Action) नहीं करे.

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अनिल अंबानी के ऊपर है ये आरोप

अनिल अंबानी के ऊपर आरोप है कि स्विस बैंक के दो खातों (Anil Ambani Swiss Bank Account) में उनके 814 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा है, जो अघोषित है और उन्होंने इस काला धन पर 420 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसी मामले में अनिल अंबानी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था. आपको बता दें कि असेसिंग ऑफिसर ने काला धन अधिनियम की धारा 10(3) के तहत एक असेसमेंट ऑर्डर जारी किया था और कहा था कि अनिल अंबानी के पास अघोषित विदेशी संपत्ति है.

न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा की बॉम्बे हाई कोर्ट की पीठ ने अंबानी की याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अंबानी की याचिका का जवाब देने के लिए और समय की मांग की. इसके बाद कोर्ट ने राहत देने का फैसला लिया.

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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस का विरोध

अनिल अंबानी को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से 08 अगस्त 2022 को नोटिस मिला था. नोटिस में काला धन (अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति) और टैक्स अधिरोपण अधिनियम 2015 की धारा 50 व 51 का इस्तेमाल करने की बात की गई थी. अनिल अंबानी के वकील रफीक दादा ने कोर्ट में नोटिस का विरोध करते हुए कहा कि यह कारण बताओ नोटिस अंबानी के खिलाफ उन निराधार, स्पष्ट रूप से गलत और ओछे आरोपों पर बेस्ड है, जो साल 2006-07 के हैं. तब काला धन अधिनियम को अमल में भी नहीं लगाया गया था. ऐसे में इस अधिनियम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.

अनिल अंबानी के वकील ने दी ये दलीलें

अनिल अंबानी काला धन अधिनियम के प्रावधानों को कोर्ट में चुनौती दे रहे हैं. इसके साथ ही वह केंद्र सरकार के 01 जुलाई 2015 के उस नोटिफिकेशन को भी चैलेंज कर रहे हैं, जो कानून को लागू होने के समय से पहले भी अमल में लाने की इजाजत देता है. अनिल अंबानी के वकील ने सुनवाई के दौरान ये भी बताया कि उनके मुवक्किल ने अपीलेट अथॉरिटी के समक्ष असेसिंग ऑफिसर के आदेश को चुनौती दी है. इस तरह मामले में पहले से ही एक सिविल मुकदमा लंबित है. उन्होंने कहा कि सिविल मुकदमा पेंडिंग है, ऐसे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट क्रिमिनल मुकदमा नहीं चला सकता है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अनिल अंबानी से पूछा कि क्या उन्होंने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है. इस पर उनके वकील ने कहा कि हां, नोटिस का जवाब दिया जा चुका है.

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अब नवंबर महीने मे अगली सुनवाई

एडवोकेट अखिलेश्वर शर्मा सुनवाई के दौरान इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का पक्ष रख रहे थे. उन्होंने कहा कि दादा जो फैसला चाह रहे हैं, वह बेनामी अधिनियम का है, जबकि डिपार्टमेंट काला धन अधिनियम के तहत कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने आगे कहा, 'मुझे याचिका का उत्तर देने के लिए कुछ समय दीजिए और उन्हें भी कुछ समय के लिए संरक्षण दे दीजिए.' उन्होंने अगली तारीख के लिए अधिक समय की मांग की क्योंकि एफिडेविट को दिल्ली से आना है. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 17 नवंबर तक के लिए टाल दी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एफिडेविट दायर करने का निर्देश दिया.

 

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