ब्रिटानिया बिस्कुट (Britannia Biscuit) ये नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है. अब इसे लेकर एक बड़ी खबर आई है कि आजादी से पहले से कारोबार कर रही ये दिग्गज कंपनी अपनी कोलकाता यूनिट को बंद करने जा रही है. ब्रिटानिया की ओर से यहां काम करने वाले कर्मचारियों को नोटिस देकर ये जानकारी भी दे दी गई है. वहीं दूसरी ओर कंपनी के इस फैसले को लेकर राज्य में राजनीतिक जुबानी जंग भी शुरू हो चुकी है और बीजेपी (BJP) और टीएमसी (TMC) एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं. आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला...
आजादी से पहले का है इतिहास
Britannia Biscuit की इस फैक्ट्री को बंद करना कोलकाता के औद्योगिक परिदृश्य में एक युग का अंत है. दरअसल, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड का तारातला में स्थित ये ऐतिहासिक कारखाना है. बता दें कि आज हजारों करोड़ की कंपनी ब्रिटानिया ने बिस्कुट बनाने की शुरुआत साल 1892 में महज 295 रुपये के निवेश से कोलकाता में ही एक छोटी सी दुकान से की थी. फिर द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के दौरान इसका बिजनेस इस तेजी से बढ़ा कि हर घर में ये पहुंच गया. पूर्व मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी को ब्रिटिश कारोबारियों ने शुरू किया था और बाद में Wadia Family के हाथ इसकी कमान आ गई.
वाडिया फैमिली के पास आने के बाद उन्होंने ब्रिटानिया बिस्कुट को और आगे बढ़ाने का फैसला किया और 1910 में बिजली से चलने वाली मशीन की मदद से बिस्किट बनाना शुरू कर दिया. फिर 1921 में उत्पादन बढ़ाने के लिए कंपनी ने इंडस्ट्रियल गैस ओवन्स का इंपोर्ट शुरू किया गया और कारोबार बढ़ने पर मुंबई में 1924 में फैक्ट्री सेटअप हुई. आज Britannia Industries का कारोबार आज दुनिया के 60 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है. भारत में ब्रिटानिया की 13 फैक्ट्री हैं. कंपनी का सालाना रेवेन्यू 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
मई 2023 से बंद था प्रोडक्शन
कोलकाता से शुरुआत करने वाली इस कंपनी की तारातला स्थित ऐतिहासिक फैक्ट्री को बंद करना ना शहर के आर्थिक इतिहास के साथ ही इसमें काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी एक बड़ा झटका है. हालांकि, कंपनी की ओर से बताया गया कि इस यूनिट में बीते साल मई महीने से ही प्रोडक्शन बंद था और अब इसे पूरी तरह से बंद करने की घोषणा की है. कंपनी ने सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर कर्मचारियों को एक बड़ी राशि का आश्वासन भी दिया है. ब्रिटानिया की इस यूनिट में 122 स्थायी कर्मचारी और करीब 250 संविदा कर्मचारी पिछले 10 सालों से काम कर रहे थे, जो अब बेरोजगार होने वाले हैं.
राजनीतिक गलियारों में जुबानी जंग
ब्रिटानिया बिस्कुट की कोलकाता यूनिट को बंद करने के कंपनी के फैसले पर राजनीतिक जुबानी जंग भी शुरू हो गई है. केंद्रीय मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि उद्योग ऐसी पार्टी की मौजूदगी में बिल्कुल नहीं आएगा, जो हमेशा जबरन वसूली करती है और मुख्यमंत्री की उद्योग विरोधी छवि भी है. वहीं भाजपा नेता अमित मालवीय ने अपने ट्विटर (अब X) अकाउंट पर पोस्ट के जरिए राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की फैक्ट्री का आज बंद होना बंगाल के पतन का प्रतीक है. दूसरी ओर बीजेपी के तीखे हमलों पर पलटवार करते हुए टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि संबंधित औद्योगिक संगठन के मैनेजमेंट के अपने कुछ मुद्दे हैं, जो लोग इसे राज्य की समग्र औद्योगिक स्थिति के साथ मिला रहे हैं, वे गलत काम कर रहे हैं.
हालांकि, इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के चीफ एडवाइजर अलपन बंधोपाध्याय की ओर से कहा गया कि ब्रिटानिया बिस्कुल बंगाल में बना रहेगा. वहीं डॉ. अमित मित्रा ने बताया कि Britannia MD वरुण बेरी ने मुझे फोन किया और कहा कि कंपनी पश्चिम बंगाल (West Bengal) के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. यह कंपनी के सबसे बड़े बाजारों में से एक है. बेरी ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल में ब्रिटानिया को और मजबूत बनाना चाहते हैं. ऐसे में इसका रजिस्टर्ड कार्यालय कोलकाता में ही रहेगा और शेयरहोल्डर्स की बैठकें भी कोलकाता में ही होंगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जो बोल रहे हैं कि ब्रिटानिया बंगाल छोड़कर चली गई है, यह झूठ है.
आज शेयर पर दिखेगा असर!
देश के सबसे पुराने कारोबारी घराने वाडिया फैमिली के नेतृत्व वाली इस ब्रिटानिया फैक्ट्री के बंद होने की खबर का असर कंपनी के शेयरों पर भी मंगलवार को देखने को मिल सकता है. बीते कारोबारी दिन सोमवार को 1.28 लाख करोड़ रुपये मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी का शेयर Britannia Share हरे निशान पर कारोबार करते हुए 5,297.80 रुपये के लेवल पर क्लोज हुआ था. बीते पांच साल में ब्रिटानिया लिमिटेड के शेयर ने निवेशकों के पैसों को लगभग डबल करने का काम किया है.
(नोट- शेयर बाजार में किसी भी निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)