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शक्तिकांत दास ने बताया- RBI गवर्नर बनते ही कहां था उनका फोकस? क्रिप्टो पर बैन ही रास्ता

बिजनेस टुडे के बैंकिंग और इकोनॉमी समिट में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय इकोनॉमी फ्लेक्सिबल बनी हुई है. शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर में गिरावट आई है और रिजर्व बैंक की नजर इसपर लगातार बनी हुई है.

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शक्तिकांत दास, गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक.
शक्तिकांत दास, गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने महंगाई से लेकर रेपो रेट तक पर खुलकर बात की. साथ ही देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को लेकर भी कई अहम बातों का जिक्र किया. शक्तिकांत दास ने ग्लोबल इकोनॉमी के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बताया. बिजनेस टुडे के बैंकिंग और इकोनॉमी समिट में शिरकत करते हुए शक्तिकांत दास ने क्रिप्टो करेंसी पर भी बड़ी बात कही है. 

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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने चर्चा की शुरुआत दिसंबर 2018 का जिक्र करते हुए की. उन्होंने कहा कि मैं दिसंबर 2018 में आरबीआई में आया था और 2019 के दौरान प्राथमिक ध्यान एनबीएफसी पर था. 

गोलपोस्ट को शिफ्ट करना जल्दबाजी

शक्तिकांत दास ने कहा कि 4 फीसदी का हमारा लक्ष्य हमें पर्याप्त फ्लेक्सबिलिटी देता है. इसलिए गोलपोस्ट को शिफ्ट करना जल्दबाजी होगी. दास ने कहा कि मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में 7.8 फीसदी के चरम पर थी. अब यह दिसंबर में घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई है और इसका मुख्य का कारण खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी है. RBI गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति पर ध्यान देने की जरूरत से RBI नहीं चूका.

RBI का 4 फीसदी प्लस या माइनस 2 फीसदी का लक्ष्य हमें अपनी मौद्रिक नीति पर निर्णय लेने में पर्याप्त फ्लेक्सिबिलिटी देता है. MPC इसका इस्तेमाल 6 फीसदी तक की उच्च मुद्रास्फीति दर को सहन करने के लिए करती है. शक्तिकांत दास ने कहा कि साल 2018 में रिजर्व बैंक के गवर्नर नियुक्त होते ही उन्होंने सबसे पहले NBFC पर अपना फोकस किया. उस समय बेड असेट्स सिचुएशन एक बड़ी समस्या थी. 

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कोर महंगाई चिंता का विषय

दास ने कहा कि कोर मुद्रास्फीति निश्चित रूप से चिंता का विषय है, जिस पर हाल की एमपीसी बैठकों में चर्चा की गई है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि निजी पूंजीगत खर्च में सुधार के संकेत दिख रहे हैं और कॉरपोरेट कर्ज में बढ़ोतरी के संकेत नजर आ रहे हैं.

भारतीय अर्थव्यवस्था 

उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध, जियो-पॉलिटिकल और अमेरिकी फेड के ब्याज दरों पर सख्त रुख के कारण ग्लोबल स्पिलओवर के के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था फ्लेक्सिबल बनी हुई है. दास ने अमेरिकी फेड के एक्शन पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि फेड के एक्शन पर टिप्पणी करना मेरी ओर से उचित नहीं है.  

क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टो करेंसी के संबंध में बोलते हुए दास ने कहा कि आरबीआई की स्थिति स्पष्ट है, हम चाहते हैं कि सभी तरह की क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाया जाए.

 

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