केंद्र सरकार ने दिल्ली-वाराणसी और दिल्ली-अहमदाबाद सहित सात नए रूट पर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट शुरू करने की संभावना पर काम शुरू कर दिया है. इसके लिए कुल करीब 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा सकता है. कोरोना संकट के बीच भी इस बारे में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है.
बनारस को दो बुलेट ट्रेन मिल सकते हैं
आर्थिक अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार, दिल्ली-वाराणसी (865 किमी), मुंबई-नागपुर (753 किमी), दिल्ली-अहमदाबाद (886 किमी), चेन्नै-मैसूर (453 किमी), दिल्ली-अमृतसर (459 किमी), मुंबई-हैदराबाद (711 किमी) और वाराणसी-हावड़ा (760 किमी) रूट पर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की संभावना को लेकर विस्तृत परियोजना रिपार्ट (DPR) तैयार करने का आदेश सरकार ने दे दिया है. इन पर कुल करीब 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा.
यानी बनारस को दो बुलेट ट्रेन मिल सकते हैं. गौरतलब है कि हाल में मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि कोरोना संकट की वजह से मुंबई-अहमदाबाद की देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के पूरा होने में देरी हो सकती है.
जरूरी नहीं कि जापानी टेक्नोलॉजी का ही हो इस्तेमाल
अखबार के अनुसार, नेशनल हाई-पीड रेल कॉरपोरेशन (NHSRCL) के मैनेजिंग डायरेक्टर अचल खरे ने बताया, 'सरकार ने इन सात नए कॉरिडोर के लिए विस्तृत परियोजना रिपार्ट (DPR) तैयार करने के लिए कहा है. डीपीआर तैयार होने के बाद ही यह तय किया जा सकता है कि इन पर कितनी लागत आएगी. इसमें भौगोलिक क्षेत्र, रूट की लंबाई जैसे कई कारक महत्वपूर्ण होते हैं. यह भी जरूरी नहीं कि नए कॉरिडेार जापानी टेक्नोलॉजी के आधार पर ही बनाए जाएं.'
मुंबई-अहमदाबाद रूट में देरी
गौरतलब है कि हाल में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं सीईओ वी.के. यादव ने कहा था कि मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन योजना के टाइमफ्रेम पर पुनर्विचार किया जा सकता है, क्योंकि कोरोना संकट की वजह से इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण में देरी हो रही है. उन्होंने कहा था कि अगले तीन से छह महीने में एक नियत टाइमलाइन सामने आ जाएगा.
अहमदाबाद-मुंबई के बुलेट ट्रेन के लिए दिसंबर 2023 का डेडलाइन तय किया गया है, लेकिन लगता नहीं कि यह परियोजना इस डेडलाइन पर पूरी हो पाएगी.