फसल वर्ष 2020-21 में भारत में खाद्यान्न (Foodgrain) का उत्पादन 2.66 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 30.54 करोड़ टन तक पहुंच जाने का अनुमान है. पिछले साल अच्छे मॉनसून के बाद चावल, गेहूं और दालों की अच्छी पैदावार की वजह से खाद्यान्न का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है.
कृषि मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. मंत्रालय ने बताया है कि इसके पहले यानी फसल वर्ष 2019-20 में खाद्यान्न उत्पादन 29.75 करोड़ टन था, जो इसके पहले का एक रिकॉर्ड था.
गौरतलब है कि पिछले साल ही केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों में बदलाव के विरोध में किसान आंदोलन शुरू हुआ था और लगातार कई महीने यह आंदोलन जारी रहा. अब भी यह आंदोलन जारी है.
किसानों के साथ सरकार को भी क्रेडिट!
न्यूूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों, वैज्ञानिकों की मेहनत के अलावा केंद्र सरकार की नीतियों को भी इसका क्रेडिट दिया.
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में चावल का उत्पादन 12.14 करोड़ टन होने का अनुमान है, जबकि इसके पिछले वर्ष में चावल का उत्पादन 11.88 करोड़ टन था.
इसी तरह साल 2020-21 में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 10.87 करोड़ टन होने का अनुमान है, जबकि इसके पिछले साल में गेहूं का उत्पादन 10.78 करोड़ टन हुआ था. साल 2020-21 में मोटे अनाज का उत्पादन 4.96 करोड़ टन होने का अनुमान है, जबकि साल 2019-20 में इसका उत्पादन 4.77 करोड़ टन का था.
दालों का उत्पादन
इसी तरह साल 2020-21 में दालों का उत्पादन 2.55 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो कि एक साल पहले 2.30 करोड़ टन था. साल 2020-21 में तिलहन का उत्पादन 3.65 करोड़ टन होने का अनुमान है, जबकि एक साल पहले इसका उत्पादन 3.32 करोड़ टन का था.
विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के आधार पर कृषि मंत्रालय यह अनुमान जारी करता है. साल 2020-21 में गन्ने का उत्पादन बढ़कर 39.27 करोड़ टन का हुआ, जबकि इसके साल पहले यह 37.05 करोड़ टन का था.