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India@100: ब्रह्मोस मिसफायर पर बोले डीजी अतुल राणे- अधिकारियों ने नहीं किया SOP का पालन

AtmanIrbhar@100 सत्र में बोलते हुए ब्रह्मोस एयरोस्पेस के डीजी अतुल राणे ने बीते 9 मार्च को पाकिस्तानी सीमा में ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने के बारे में कहा कि मामले में कंपनी के पास उचित एसओपी हैं और कोई तकनीकी चूक नहीं हुई है. बर्खास्त किए गए IAF के तीनों अधिकारियों द्वारा इसका पालन नहीं किया गया था.

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ब्रह्मोस मिसफायर पर बोले डीजी अतुल राणे
ब्रह्मोस मिसफायर पर बोले डीजी अतुल राणे

बिजनेस टुडे के कॉनक्लेव 2022 के दौरान 'आत्मनिर्भर@100: विज्ञान और तकनीक, रक्षा अंतरिक्ष' सत्र के दौरान ब्रह्मोस एयरोस्पेस (BrahMos Aerospace) के महानिदेशक (DG) अतुल राणे (Atul Rane) समेत अन्य मेहमानों ने हिस्सा लिया और इस मुद्दे पर बातचीत की. इंडिया टुडे ग्रुप डायरेक्टर फॉर पब्लिशिंग राज चेंगप्पा ने इस सत्र को होस्ट किया. इस दौरान राणे ने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया. 

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शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत
अतुल राणे (Atul Rane) ने बातचीत के दौरान कहा कि अधिकांश नीतियां लागू हैं, लेकिन शिक्षा (Education) एक ऐसी चीज है जिस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. निजी उद्योग को अपना आरएंडडी (R&D) जरूर करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि देश के पहले सैन्य-औद्योगिक कॉम्प्लैक्स के रूप में ब्रह्मोस (BrahMos) ने शुरू से ही 'आत्मनिर्भर भारत' (Atmannirbhar India) पर ध्यान केंद्रित किया है. इसने कंपनी को निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के लिए प्रेरित किया है.

ब्रह्मोस मिसफायर मामले में बोले डीजी
बीते 9 मार्च को पाकिस्तान की सीमा के भीतर ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने के बारे में राणे ने कहा कि इस मामले में एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की स्थापना की गई थी और यह निष्कर्ष निकाला गया था कि भारतीय वायुसेना (IAF) के तीन अधिकारियों द्वारा एसओपी (SOP) का पालन नहीं किया गया था. गौरतलब है कि इस मामले में तीनों अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. इसके साथ ही डीजी ने यह भी कहा कि कंपनी के पास उचित एसओपी है और कंपनी की ओर से कोई तकनीकी चूक नहीं हुई है.

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सरकार की मानसिकता में बदलाव
इस सत्र में राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा दिए जा रहे समर्थन के बारे में बात करते हुए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), बेंगलुरु स्थित वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टार्टअप, दिगंतारा रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज (Digantara Research & Technologies) के संस्थापक और सीईओ, अनिरुद्ध शर्मा (Anirudh Sharma) ने कहा कि यह सरकार की मानसिकता में बदलाव का एक बड़ा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि जब हमने अपना पहला पेलोड लॉन्च किया, तो इसरो ने हर संभव तरीके से हमारा समर्थन किया. 

आज कुछ नया करने की जरूरत
नवी मुंबई बेस्ड ड्रोन मैन्यूफैक्चकरर आइडियाफोर्ज (IdeaForge) के को-फाउंडर और सीईओ अंकित मेहता (Ankit Mehta) ने कहा कि विश्व स्तर पर जो किया जा रहा था, उसे दोहराने की कोशिश करने के बजाय, उद्यमियों को ब्रह्मोस (BrahMos) जैसे नए उत्पादों के बारे में सोचने और नया करने की जरूरत है. उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि इस सेक्टर को अधिक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है.

पुराने तरीकों को छोड़ने का समय
टेकईगल (TechEagle) के ऑन-डिमांड ड्रोन डिलीवरी नेटवर्क के फाउंडर और सीईओ विक्रम सिंह (Vikram Singh) ने कहा कि आज वो समय है जबकि हमें पुराने तरीकों को छोड़ने और नए तरीके सीखने की जरूरत है. भारतीयों को सेवा-उन्मुख मानसिकता से बाहर निकलने की आवश्यकता है. उन्होंने का जहां एक ओर शिक्षा और कौशल महत्वपूर्ण हैं, वहीं उद्यमियों को इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि वास्तविक जीवन में क्या काम करेगा.

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