बिजनेस टुडे के India@100 समिट में गुरुवार को देश की सबसे बड़ी टेक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के सीओओ एन गणपति सुब्रमण्यम (N Ganapathy Subramaniam) ने हिस्सा लिया. उन्होंने बिजनेस टुडे के एडिटर सौरभ मजूमदार के साथ चर्चा के दौरान, वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) और हाइब्रिड मॉडल (Hybrid Model) को लेकर अपनी राय रखी. इस दौरान, हाल ही में सुर्खियों में आई एक साथ दो नौकरी से संबंधित 'Moonlight' पॉलिसी पर बात की और इसे एक नैतिक मुद्दा करार दिया.
हाइब्रिड मॉडल के भी अपने फायदे
कार्यक्रम की शुरुआत में वर्क फ्रॉम होम और हाइब्रिड मॉडल पर बात करते हुए, सुब्रमण्यम ने कहा कि आने वाले समय में आईटी इंडस्ट्री (IT Industry) में हाइब्रिड मॉडल देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि कई इंडस्ट्रीज में हाइब्रिड वर्किंग मॉडल सच होने वाला है. इस बीच उन्होंने कहा कि TCS कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार वर्क फ्रॉम होम (WFH) संस्कृति को समाप्त करने की प्रक्रिया में है.
सुब्रमण्यम ने बताया कि हमारी कंपनी में हम 25 बाई 25 मॉडल को अपनाने जा रहे हैं, जिसका मतलब हुआ कि आपको कम से कम 25 फीसदी समय ऑफिस में बिताना होगा.' टीसीएस सीईओ (TCS CEO) ने कहा कि हाइब्रिड मॉडल के भी अपने फायदे हैं, लेकिन आमने-सामने संवाद भी बेहद जरूरी है.
महामारी लेकर आई बड़ा बदलाव
एन गणपति सुब्रमण्यम ने आगे बताया कि कोरोना महामारी (Corona Pendemic) के दौरान जब 100 फीसदी लोग घर से काम (Work From Home) कर रहे थे, टीसीएस ने उस दौर में भी बंपर मुनाफा (TCS Profit) कमाया. उन्होंने कहा कि कई मामलों में ऐसा देखा गया कि लोगों ने कंपनी ज्वॉइन की, लेकिन उन्होंने न तो आई कार्ड लिया और न ही टीसीएस का ऑफिस देखा और इससे पहले ही नौकरी छोड़ कर चले गए.
उन्होंने कहा कि उन्हें निजी तौर पर ऐसा देखकर बुरा लगता है. लेकिन ये कोरोना काल में हुआ है. उन्होंने कहा कि महामारी ने सभी कारोबारों को डिजिटल की तरफ मोड़ा है. हमें अगले 25 साल बढ़ते डिटिजलीकरण के हिसाब से खुद को तैयार करने की जरूरत है.
भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी के सीओओ और ईडी ने कहा कि भविष्य डोमेन कंप्यूटिंग के बारे में होगा. इसका मतलब यह है कि आपके पास दूरसंचार या बैंकिंग जैसे कार्यों को बेहतर ढंग से करने वाले कंप्यूटर मौजूद होंगे. आने वाले समय में डिजिटलीकरण के दौर में किए गए कार्य में एक बड़ा हिस्सा, लगभग 50 से 60 फीसदी में मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा. उन्होंने जोर दिया कि कैसे महामारी ने कैसे महामारी ने चीजों को करने का तरीका बदला है और डिजिटल के लिए टोन सेट किया है.
मूनलाइट पॉलिसी पर कही बड़ी बात
आईटी क्षेत्र में हाल के दिनों में सबसे अधिक बहस वाले मुद्दों में से Moonlight Policy के बारे में बात करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि वो इसे एक नैतिक मुद्दे के रूप में देखते हैं, जहां अल्पकालिक लाभ के आकर्षण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन लंबी अवधि में व्यक्ति हार जाएगा.
उन्होंने कहा कि आखिरकार, यह मूल्य प्रणाली का एक हिस्सा है, जिसे लागू करने पर विचार किया जा सकता है. गौरतलब है कि हाल ही में विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने एक साथ दो नौकरी करने की इस पॉलिसी को धोखा करार दिया था.