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BYJUs को संकट से उबारेंगे ये दिग्गज, पूर्व SBI चेयरमैन और Infosys CFO कंपनी में शामिल

पिछले कुछ समय से देश की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी बायजु में उथल-पुथल चल रही है. लगातार छंटनी का दौर जारी है. वहीं बायजू के को-फाउंडर बायजू रवींद्रन के सहयोगी भी कंपनी का साथ छोड़ते जा रहा हैं. अब कंपनी ने संकट से उबरने के लिए नई एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया है.

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बायजु ने नई एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया.
बायजु ने नई एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया.

संकट से गुजर रही देश की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी बायजू ( BYJU'S) ने नई एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया है. कंपनी को संकट से उबारने के लिए इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) टीवी मोहनदास पई (TV Mohandas Pai) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार (Rajnish Kumar) को काउंसिल के सदस्य के रूप में नियुक्त किया है. कंपनी के एक बयान से पता चला है कि नई एडवाइजरी काउंसिल सीईओ बायजू रवींद्रन सहित BYJU'S टीम को सलाह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. 

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भारतीय आईटी दिग्गज इंफोसिस के पूर्व सीएफओ और बोर्ड सदस्य होने के अलावा मोहनदास पई निजी इक्विटी फंड आरिन कैपिटल के को-फाउंडर भी हैं. उन्होंने एडटेक कंपनी के शुरुआती वर्षों में इसमें निवेश किया था. दूसरी ओर रजनीश कुमार फिलहाल फिनटेक यूनिकॉर्न भारतपे के कारोबार का नेतृत्व कर रहे हैं.

रवींद्रन बायजू और पई का पुराना साथ

बायजू (BYJU'S) की नई एडवाइजरी काउंसिल में शामिल होने पर मोहनदास पई ने कहा कि बायजू रवींद्रन और दिव्या उन सबसे प्रभावशाली उद्यमियों में से हैं जिनके साथ मैंने स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में काम किया है. उन्होंने विश्व स्तर पर सबसे बड़ी और भारत में सबसे बड़े स्टार्ट-अप के बीच एक एडटेक कंपनी बनाई है. मैं उनमें समूह को एक सफल कॉरपोरेशन निर्माता और मार्केट लीडर के रूप में इस सेक्टर में अपने मिशन को पूरा करने की प्रेरणा देखता हूं.

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उन्होंने यह भी कहा कि वह कॉर्पोरेट गवर्नेंस और वित्तीय रिपोर्टिंग जैसे मामलों पर कंपनी को सलाह देने के लिए उत्सुक हैं. रजनीश कुमार ने कहा कि मौजूदा नियुक्तियां कंपनी को सही दिशा में ले जाएंगी. उन्होंने कहा कि बायजू रवींद्रन और दिव्या के साथ मेरी चर्चाओं ने मुझे आश्वस्त किया कि वे कंपनी के प्रशासन ढांचे में सुधार लाने के लिए ईमानदार प्रयास कर रहे हैं. 

विवादों में कंपनी

BYJU'S पिछले कुछ समय से सवालों के घेरे में है. वित्त वर्ष 22 में देरी होने के अलावा, कंपनी ने सिलेबस की गलत बिक्री, कॉर्पोरेट प्रशासन के मुद्दों और अन्य मामलों के लिए विवादों में है. पिछले हफ्ते, इसके तीन बोर्ड सदस्यों, जिनमें पीक XV पार्टनर्स (सिकोइया कैपिटल इंडिया) के जीवी रविशंकर, प्रोसस के रसेल ड्रेसेनस्टॉक और चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव के विवियन वू ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था. ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि कंपनी ने अर्जुन मोहन (अपग्रेड के पूर्व सीईओ) को कंपनी के इंटरनेशनल इनिशिएटिव के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है.

हाल ही में हुई थी बड़ी छंटनी

पिछले महीने बायजु में बड़ी छंटनी हुई थी. कंपनी ने रिस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया के तहत 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. भारत के सबसे बड़े स्टार्टअप्स में से एक बायजू लगभग 50,000 कर्मचारियों को रोजगार देती है. बायजू की वैल्यूएशन वैल्यू कभी 22 अरब डॉलर थी. इस कंपनी की शुरुआत साल 2011 में हुई थी और इसने पिछले एक दशक में जनरल अटलांटिक, ब्लैकरॉक और सिकोइया कैपिटल जैसे वैश्विक निवेशकों को आकर्षित किया.
 

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