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Inside Story: ब्रिटेन में नौकरी, फिर IIM एग्जाम में धमाल... रविंद्रन का BYJU's आइडिया अब क्यों धड़ाम?

Byjus Crisis : आज बड़े आर्थिक संकट से जूझ रही ऑनलाइन लर्निंग कंपनी BYJU’s साल 2021 के जून-जुलाई में फंडिंग राउंड में 16 अरब डॉलर से ज्यादा की वैल्यूएशन के साथ देश का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप बनकर उभारी थी. इसने इस मामले में Paytm को भी पीछे छोड़ दिया था.

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बायजू ने बदल दी थी एडटेक इंडस्ट्री की तस्वीर
बायजू ने बदल दी थी एडटेक इंडस्ट्री की तस्वीर

देश में अगर एडटेक स्टार्टअप्स की बात होती है, तो फिर सबसे पहले जुबां पर बायजूस (Byju's) का ही नाम आता है. ये अपनी शुरुआत के बाद रॉकेट की रफ्तार से आगे बढ़ने को लेकर हमेशा चर्चा में रहा, तो अब इसके अर्श से फर्श पर आने की खबरे लगातार सुर्खियां बनी हुई हैं. बीते कुछ महीनों से कंपनी में जो उथल-पुथल जारी है, उसके चलते इसके साथ शुरुआत से जुड़े सहयोगी साथ छोड़ते जा रहे हैं, हालांकि, अभी भी इसके ऑनर बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) टाउनहॉल करके अपने कंपनी के फिर जोरदार वापसी का भरोसा दिला रहे हैं. आइए जानते हैं कैसे कोचिंग क्लास से शुरू करने के एक आइडिया से हजारों करोड़ की कंपनी खड़ी हो गई? 

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दो बार किया IIM एंट्रेंस एग्जाम पास 
कम उम्र में अरबपति बनने वाले भारतीयों की लिस्ट में Byjus के बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) भी शामिल हैं. केरल के अझीकोड में शिक्षक माता-पिता के यहां जन्मे बायजू रविंद्रन ने ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद इंजीनियरिंग की नौकरी शुरू कर दी थी और वो भी देश में नहीं बल्कि विदेश में, लेकिन ब्रिटेन में नौकरी करने के दौरान वे छुट्टियों में घर आए तो दोस्तों से IIM एंट्रेस एग्जाम देने की सलाह मिली. उन्होंने इसे माना और पहली बार में ही 100 परसेंटाइल स्कोर कर दिया, लेकिन उन्होंने एडमिशन लेने के बजाय एक बार फिर इस एग्जाम को देने का मन बनाया और दूसरी बार भी बायजू रविंद्रन ने 100 परसेंटाइल स्कोर करते हुए सभी को चौंका दिया. हालांकि, उनके दोस्त और परिजन हैरान जरूर थे कि आखिर एक बार पास होने के बाद उन्होंने दूसरी बार क्यों एग्जाम दिया, लेकिन रविंद्रन के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था. 

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रविंद्रन के दिमाग में क्या चल रहा था?
दो बार एंट्रेंस एग्जाम क्लीयर करने के बाद भी उन्होंने आईआईएम में एडमिशन नहीं लिया, बल्कि कोचिंग क्लास शुरू करने का निर्णय ले लिया. उन्होंने अपनी नौकरी से भी इस्तीफा दे दिया और यहीं से Byju Raveendran के एडटेक स्टार्टअप की नींव पड़ी. शुरुआती दौर में उन्होंने थोड़े-थोड़े छात्रों को कोचिंग देना शुरू किया और फिर उनके पढ़ाने के तरीके का असर दिखाई देने लगा और छात्रों की संख्या बढ़ती गई. एक छोटे से कमरे से कोचिंग की शुरुआत करने वाले बायजू रविंद्रन को बड़े-बड़े ग्रुप्स में छात्रों को पढ़ाने के लिए ऑडिटोरियम का सहारा लेना पड़ा. कोचिंग की शुरुआत के बाद महज पांच साल में ही रविंद्रन से पढ़ने वाले छात्रों की तादाद 40 छात्रों से बढ़कर 1000 छात्रों से भी ज्यादा हो गई. 

ऑनलाइन लर्निंग ऐप का आइडिया आया काम
छात्रों की संख्या में हो रहे लगातार इजाफे को देखते हुए बायजू रविंद्रन ने 2009 में एक ऑनलाइन लर्निंग प्रोग्राम की शुरुआत की. इसमें वे CAT की तैयारी करने वाले छात्रों को वीडियो के जरिए कोचिंग देते थे. वीडियो प्रोग्राम शुरू करने के बाद ही बायजू रविंद्रन के दिमाग में एक लर्निंग ऐप लाने का ऐसा जबरदस्त आइडिया आया, जिसने देश में एडटेक इंडस्ट्री की सूरत बदलने का काम किया. दरअसल, साल 2011 में बायजू रविंद्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने BYJUs की पेरेंट कंपनी यानी Think & Learn स्टार्टअप लॉन्च कर दिया, जिसने देखते ही देखते उनके एडटेक बिजनेस को बुलंदियों पर पहुंचा दिया. इसके बाद 2015 में उन्होंने BYJU's ऐप लॉन्च किया और उनका स्टार्टअप का कारोबार रॉकेट की रफ्तार से भागने लगा.

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साल 2015 में फ्लैगशिप ब्रांड Byjus ने ऐसा कमाल किया कि 2021 तक आते-आते ये देश के सबसे मूल्यवान स्टार्टअप की लिस्ट में टॉप पर पहुंच गया. शिक्षा में तकनीक के मेल ने कैसा कमाल किया इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि कुछ साल में ही बायजू रविंद्रन अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हो गए. महज 40 छात्रों के साथ शुरू हुआ सफर साल 2020 तक 6 करोड़ से ज्यादा Byjus सब्सक्राइबर्स में तब्दील हो गया था. शाहरुख के ऐड से लेकर टीम इंडिया की जर्सी तक, खबरों की हेडलाइन से लेकर यूट्यूब के बैनर तक. पिछले कुछ साल में एक नाम स्टूडेंट्स और पेरेंट्स की जुबान पर चढ़ गया है और वो है ऑनलाइन लर्निंग ऐप BYJU's का.

Paytm को भी पछाड़ दिया
साल 2021 के जून-जुलाई में ऑनलाइन लर्निंग कंपनी BYJU’s फंडिंग राउंड में 16 अरब डॉलर से ज्यादा की वैल्यूएशन के साथ देश का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप बनकर उभारा था. इसने इस मामले में Paytm को भी पीछे छोड़ दिया था. अपने सबसे अच्छे समय के दौरान बायजू ने एक के बाद एक कंपनी का टेकओवर भी किया और आकाश एजुकेशनल सर्विसेज (Akash Educational Services) का अधिग्रहण सबसे बड़ा था. बायजू ने इसे 7,300 करोड़ रुपये में खरीदा था. यही नहीं Byju's के आईपीओ की तैयारी भी चल रही थी. लेकिन बीते कुछ महीनों में जो बुरा दौर कंपनी में शुरू हुआ उससे ये हाल-फिलहाल उबरता नजर नहीं आ रही है. 

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ये है Byjus की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण
अगर बात करें बायजूस के अर्श से फर्श पर गिरने की, तो बता दें जब देश में कोरोना महामारी ने देश में दस्तक दी थी, उसके साथ ही लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों के चलते स्कूल-कॉलेजों पर ताला लटक गया था. ऐसे में ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म बायजूस का क्रेज देखते ही देखते चरम पर पहुंच गया था और इसके साथ ही कंपनी की कमाई में भी जबरदस्त इजाफा दर्ज किया गया था. लेकिन कोरोना की विदाई के साथ जैसे ही स्कूल- कॉलेज ओपन हुए, पढ़ाई लिखाई ऑनलाइन मोड से वापस ऑफलाइन मोड में पहुंच गई.

फिलहाल की बात करें तो करीब 80 फीसदी से ज्यादा छात्र जो कोरोना काल में ऑनलाइन मोड में एजुकेशन ले रहे थे, वे अब संस्थानों में पहुंच रहे हैं. इस बदलाव का सीधा असर बायजूस की कमाई पर दिखाई दिया है. सिर्फ बायजूस ही नहीं बल्कि इसके जैसे तमाम ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म का बुरा हाल है. लेकिन सबसे ज्यादा असर Byju's पर इसलिए पड़ा, क्योंकि ये इस सेक्टर का सबसे बड़ा खिलाड़ी था.ताजा हालातों की बात करें तो बड़ी मुश्किल में फंसी Byju's, कंपनी के बहीखातों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. ये आदेश Corporate Affairs Ministry ने दिए हैं.

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बुरे दौर में सहयोगियों ने छोड़ साथ
जब Byju's टॉप पर चल रहा था, तो बॉलीवुड के किंग खान कहे जाने वाले शाहरुख खान भी इस कंपनी के चेहरे थे, यहीं नहीं टीम इंडिया (Team India) की जर्सी पर भी Byju's का नाम नजर आता था. लेकिन इसका बुरा दौर शुरू होते ही, ये सब बदल गया. बीते दिनों साल 2017 से कंपनी के साथ जुड़े हुए अभिनेता शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की बायजू के साथ डील आगे नहीं बढ़ाए जाने की खबर सुर्खियों में रही. बता दें शाहरुख खान इस एडटेक स्टार्टअप के साथ करीब 4 करोड़ रुपये की सालाना फीस के साथ जुड़े हुए थे और ये डील सितंबर 2023 में ही खत्म हो रही है. इसके अलावा BCCI ने बायजू को छोड़कर अपने टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सर के लिए बायजू की जगह फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म ड्रीम-11 (Dream11) को चुना है. 

धड़ाधड़ इस्तीफे और छंटनी का दौर
एडटेक स्टार्टअप बायजूस में आर्थिक संकट (BYJU's Financial Crisis) की शुरुआत तो हालांकि, बीते साल 2022 से ही हो चुकी थी. लेकिन बीते कुछ महीनों में कंपनी में भूचाल सा नजर आने लगा. कोरोना के समय बुलंदियों पर पहुंचा इस स्टार्टअप ने ऑनलाइन एजुकेशन मार्केट में मंदी के बीच कॉस्ट कटिंग के नाम पर ताबड़तोड़ छंटनी शुरू कर दी है. हाल ही में कंपनी ने एक बार फिर बड़ी छंटनी की और रिस्ट्रक्चरिंग प्रोसेस के तहत 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.

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कंपनी की वैल्यूएशन की बात करें तो इसमें भी बड़ी गिरावट आ चुकी है, जिसकी भरपाई आसान नजर नहीं आ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, इन्वेस्टमेंट फर्म प्रोसस द्वारा किए गए मूल्यांकन में अब बायजूस की वैल्यूएशन को 22 अरब डॉलर से घटाकर 5.1 अरब डॉलर कर दिया है. यानी करीब 75 फीसदी तक घटा दिया है. बता दें, प्रोसस समूह बायजूस का सबसे बड़ा निवेशक है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में प्रोसस ने बायजूस में अपनी 9.6 फ़ीसदी हिस्सेदारी का मूल्य घटाकर 493 मिलियन डॉलर कर दिया है.

इतनी है Byju रविंद्रन की नेटवर्थ
बुरे दौर से गुजर रही एजटेक फर्म बायजूस के सीईओ और फाउंडर Byju Raveendran ने बीते दिनों धड़ाधड़ इस्तीफों और कंपनी की वैल्यू घटने के बीच एक टाउनहॉल में कर्मचारियों से बात की और करीब एक घंटे चली इस बातचीत में उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि, बीते 12 महीनों से हम संघर्ष के दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन एडटेक सेक्टर हमेशा रहेगा और हम इस सेक्टर के लीडर हैं. यह सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर्स में से एक है और हम सही जगह पर हैं.' उन्होंने इमोशनली कर्मचारियों को संदेश देने की कोशिश की है. Forbe's के मुताबिक, बायजू रविंद्र की नेटवर्थ 2.1अरब डॉलर है. 

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