कोरोना संकट से बदहाल कपड़ा सेक्टर (Textile Sector) को सरकार की तरफ से बड़ी राहत मिली है. केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए PLI स्कीम को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में यह कैबिनेट की अहम बैठक हुई.
कैबिनेट के फैसलों के मुताबिक टेक्सटाइल से जुड़े 10 अलग-अलग उत्पादों के लिए अगले 5 साल तक 10683 करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज दिया जाएगा. पैकेज में टीयर 2-3 के इलाकों वाली कंपनियों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी. मैनमेड फाइबर अपैरल और टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए PLI को मंजूरी मिली है.
आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूती
टेक्सटाइल सेक्टर में PLI स्कीम को मंजूरी से आत्मनिर्भर भारत की नींव को और अधिक मजबूत करेगी. इससे भारतीय कंपनियां वैश्विक बाजार में चैंपियन बनकर उभरेंगी और साथ ही देश के ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन भी होगा. हालांकि केवल भारत में रजिस्टर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियां पात्र होंगी.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि टेक्सटाइल के क्षेत्र में लिए गए, इस फैसले से हजारों लोगों को सीधे रोजगार मिल पाएगा. सरकार के मुताबिक इससे 7.5 लाख लोगों को रोजगार मिल पाएगा. पैकेज को दो भागों में रखा गया है, जिसमें पहला भाग 100 करोड़ रुपये तक का प्रोडक्शन और दूसरा 300 करोड़ रुपये तक का प्रोडक्शन रखा गया है.
इन आठ राज्यों को फायदा
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक इस स्कीम से मुख्य रूप से गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा जैसे राज्यों को लाभ मिल पाएगा. पीयूष गोयल का कहना है कि बिहार जैसे राज्य भी इस स्कीम को लेकर फायदा उठा सकते हैं.
पैकेज से एक्सपोर्ट को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. पीयूष गोयल ने कहा कि भारत यूके, ईयू और यूएई जैसे पश्चिमी देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) पर भी काम कर रहा है. उन्होंने कहा, 'हम भारतीय उत्पादों पर टैरिफ प्रतिबंधों को ठीक करने की योजना बना रहे हैं.' टेक्सटाइल का सबसे ज्यादा उपयोग रक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में किया जाता है. भारत अब पीपीई का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है.
गौरतलब है कि कैबिनेट की इस बैठक में टेलीकॉम सेक्टर के लिए भी राहत पैकेज पर विचार करने का अनुमान लगाया जा रहा था. इसके अलावा रबी फसलों की एमएसपी (MSP) में बढ़ोतरी का फैसला लेने की संभावना थी. लेकिन बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार की ओर से इस बारे में कोई ऐलान नहीं किया गया. यानी इन मुद्दों पर इस बैठक में कोई फैसला नहीं लिया गया.