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WhatsApp पर कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में कोर्ट जा सकता है CAIT

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से  WhatsApp, Facebook, Instagram का टेक्निकल ऑडिट कराने के लिए कहा है. संगठन ने उचित कार्रवाई न होने की स्थिति में कोर्ट तक जाने की बात कही है.

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WhatsApp पर कार्रवाई नहीं होने कोर्ट जा सकता है CAIT
WhatsApp पर कार्रवाई नहीं होने कोर्ट जा सकता है CAIT
स्टोरी हाइलाइट्स
  • CAIT ने फिर लिखा ​संचार मंत्री को लेटर
  • WhatsApp का टेक्निकल ऑडिट कराने की मांग
  • कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट जाने की चेतावनी

WhatsApp के प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट करने से बड़ी चिंताओं के बीच छोटे व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने WhatsApp, Facebook, Instagram का टेक्निकल ऑडिट कराने के लिए कहा है. उसने इस संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को शुक्रवार को फिर से पत्र लिखा है. कैट ने सरकार के WhatsApp, Facebook, Instagram पर उचित कार्रवाई न होने की स्थिति में कोर्ट जाने की भी बात कही है.

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नई प्राइवेसी पॉलिसी 8 फरवरी से नहीं हो लागू

कैट ने अपने पत्र में केंद्र सरकार से WhatsApp को नई प्राइवेसी पॉलिसी 8 फरवरी से नहीं लागू करने का निर्देश देने की मांग की है. कैट का कहना है कि इन तीनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का तत्काल टेक्निकल ऑडिट किया जाना चाहिए. यह इसलिए भी अहम है क्योंकि इन तीनों प्लेटफॉर्म पर एक ही कंपनी का मालिकाना हक है.

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कैसा हो ऑडिट

कैट की मांग है कि सरकार सबसे पहले ऑडिट कराए कि क्या इन प्लेटफॉर्म के बीच किसी प्रकार का डेटा शेयर हुआ है? यदि हुआ तो उसका क्या-क्या उपयोग किया गया है? साथ जो डाटा देश के नागरिकों से लिया गया है, वह भारत में ही सुरक्षित है या फिर किसी अन्य देश में भेज दिया गया है?

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WhatsApp के विज्ञापन की आलोचना

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कैट की शिकायतों के जवाब में WhatsApp ने मीडिया में विज्ञापन देकर मामले में सफाई देने की कोशिश की. लेकिन उसकी सफाई निराधार है और इसमें कैट द्वारा उठाए गए सवालों का निराकरण नहीं किया गया है.

कोर्ट जाने का विकल्प भी खुला

खंडेलवाल ने कहा कि WhatsApp की मंशा देश के लोगों का अधिक से अधिक डेटा हासिल करना है. वह यूजर्स से जबरन सहमति ले रही है. यह देश के कानूनों और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण है. कैट के बैनर तेल देश के कारोबारी समुदाय ने मल्टी नेशनल कंपनियों के इस भयावह खेल को नाकाम करने के लिए कमर कसी है. उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो इन कंपनियों के इस मनमाने रवैये के खिलाफ कैट कोर्ट जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

पहले भी पत्र लिखकर की थी रोक की मांग

कैट ने इससे पहले 10 जनवरी को रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर ‘WhatsApp को उसकी नयी प्राइवेसी पॉलिसी लागू करने से तत्काल रोकने का अनुरोध किया या फिर WhatsApp और उसकी पेरेंट कंपनी फेसबुक पर तत्काल बैन लगाने की मांग रखी थी.‘

क्यों हो रहा WhatsApp की नयी पॉलिसी का विरोध

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कैट का दावा है कि WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलसी में यूजर्स के सभी तरह के डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें निजी जानकारियों से लेकर, लेनदेन की जानकारी, संपर्क, लोकेशन और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं, जिन्हें WhatsApp एकत्रित करेगी. उसके बाद वह किसी भी प्रयोजन के लिए इसका उपयोग कर सकती है. उसका कहना है कि देश में WhatsApp, Facebook के करीब 40 करोड़ यूजर्स हैं. ऐसे में हर यूजर के डेटा तक पहुंच होने से ना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा संकट है. बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी घातक है.

 

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