लॉकडाउन के दौरान एयरलाइंस के कैंसिल हुए टिकटों के रिफंड मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार इस पर अतिरिक्त हलफनामा कल तक दाखिल करे कि यात्रियों को सीधे भुगतान किस तरह से किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया. इस मामले में अगली सुनवाई 25 सितंबर यानी शुक्रवार को होगी.
क्या कहा था सरकार ने
इसके पहले केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि लॉकडाउन के समय में हवाई जहाज में यात्रा करने के लिए बुक की गई टिकटों की पूरी राशि यात्रियों को वापस मिलेगी.
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में नागर विमानन के निदेशक ओ.के. गुप्ता ने कहा था कि घरेलू एयरलाइंस के लिए यदि टिकटों को सीधे एयरलाइन या एक एजेंट के माध्यम से लॉकडाउन अवधि दौरान 25 मार्च-3 मई के बीच में यात्रा करने के लिए बुक किया गया था, तो ऐसे सभी मामलों में, एयरलाइंस द्वारा तुरंत पूरा रिफंड दिया जाएगा.
ब्याज का विरोध
यह कहा गया था कि रिफंड में देरी होने पर पैसेंजर को 0.5 फीसदी की दर से ब्याज भी मिलेगा. लेकिन विस्तारा और एयरएशिया ने ब्याज देने का विरोध इस आधार पर किया कि उनके बहुत से यात्रियों ने क्रेडिट शेल लेना पसंद किया है. इंडिगो ने कहा कि उसने लॉकडाउन के दौरान सभी कैंसिल टिकटों का पैसा वापस कर दिया है.
सरकार द्वारा कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान बुक किए गए टिकटों के लिए एयरलाइंस द्वारा 15 दिनों के भीतर पूरी राशि वापस दी जानी चाहिए और यदि कोई एयरलाइन वित्तीय संकट में है और ऐसा करने में असमर्थ है तो उसे 31 मार्च, 2021 तक यात्रियों की पसंद का यात्रा क्रेडिट शेल प्रदान किया जाना चाहिए.