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राज्‍यों को मिली GST मुआवजे की पहली किस्‍त, केंद्र ने ट्रांसफर किए 6000 करोड़

पिछले सप्ताह केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों की मांग को स्वीकार कर लिया था. उनकी मांग थी कि केंद्र स्वयं कर्ज लेकर राज्यों की जीएसटी की क्षतिपूर्ति करे.

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जीएसटी मुआवजे की पहली क‍िस्‍त जारी
जीएसटी मुआवजे की पहली क‍िस्‍त जारी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • केंद्र ने राज्‍यों को क्षतिपूर्ति की पहली किस्‍त दी
  • 16 राज्यों को 6,000 करोड़ ट्रांसफर किये
  • कर्ज 5.19 प्रतिशत ब्याज पर लिया गया है

तमाम विवादों के बाद केंद्र सरकार ने राज्‍यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की पहली किस्‍त दे दी है. वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, असम, दिल्ली और जम्मू कश्मीर समेत 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को 6,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गए हैं.

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मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने आज 6,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर उसे 16 राज्यों को जारी किया है. ये 16 राज्य हैं... आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड. इसके अलावा दो केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और जम्मू कश्मीर को भी राशि ट्रांसफर की गई है.’’ 

केंद्र सरकार ने 5.19% ब्याज पर लिया है कर्ज 
दरअसल, पिछले सप्ताह केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों की मांग को स्वीकार कर लिया था. उनकी मांग थी कि केंद्र स्वयं कर्ज लेकर राज्यों की जीएसटी की क्षतिपूर्ति करे.

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वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार यह कर्ज 5.19 प्रतिशत ब्याज पर लिया गया है और इसकी मियाद मोटे तौर पर 3 से 5 साल के लिये है.  मंत्रालय ने कहा कि वह हर सप्ताह राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये जारी करेगा.  वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस व्यवस्था से केंद्र के राजकोषीय घाटे पर असर नहीं होगा और यह राज्य सरकारों की पूंजी प्राप्ति के रूप में प्रदर्शित होगा. 

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अगस्‍त में दिए गए थे विकल्‍प 
बता दें कि केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिये थे. पहला वह जीएसटी क्रियान्वयन के कारण राजस्व संग्रह में कमी को पूरा करने के लिये 97,000 करोड़ रुपये रिजर्व बैंक की स्‍पेशल विंडो से ले या फिर कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये (इसमें 1.38 लाख करोड़ रुपये कोविड संकट के कारण) बाजार से कर्ज ले. इस राशि को संशोधित कर अब क्रमश: 1.10 लाख करोड़ रुपये और 1.8 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.  

 

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