इस बार के बजट और हाल ही में हुई नीति आयोग की बैठक के बाद 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के कदमों पर बड़े ऐलान और चर्चा की गई है. दरअसल, पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत की आजादी की 100वीं वर्षगांठ पर विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया था. इसके बाद से ही नीति आयोग इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए तमाम तरह के सुझावों, उपायों और फॉर्मूले पर काम करने में जुट गया है. 2047 आने में अब महज 23 साल बचे हैं और 23 साल में भारत को मध्यम आय से उच्च आय वाला देश बनाना आसान काम नहीं है. इसकी वजह है कि बीते 70 साल में केवल 12 देश ही मध्य आय से ऊंची इनकम वाले विकसित देश बन पाए हैं.
15 लाख सालाना होगी आय!
इसी वजह से नीति आयोग की बैठक में भी कहा गया है कि भारत को मध्यम आय के जाल से बचने की जरूरत है. पीएम मोदी ने भी कहा है कि ये साल तकनीक और भू राजनीतिक बदलाव का है जिसमें भारत को इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहिए और ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जिससे ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश भारत में आए. विकसित राष्ट्र का मतलब केवल शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होता बल्कि यहां पर रहने वाले निवासियों की सालाना आय 15 लाख रुपये होनी चाहिए. इसके साथ ही भारत को 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की जरूरत होगी.
महिलाओं के लिए बजट में बड़े एलान!
नीति आयोग के दृष्टिकोण पत्र विजन फॉर विकसित भारत आठ 2047 में ये बात कही गई है. अब अगर इस बार के बजट को देखें तो इसमें विकसित राष्ट्र बनाने की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए आधी आबादी यानी महिलाओं के लिए बड़े ऐलान किए गए हैं. हाल ही में कई स्टडीज में दावा किया गया था कि अगर कामकाजी महिलाओं की आबादी बढ़ाई जाती है तो फिर भारत की विकास दर में डेढ़ फीसदी तक इजाफा हो सकता है. जानकारों का कहना है कि महिलाओं के लिए बजट में जिस तरह के ऐलान किए गए हैं, वो वाकई विकसित राष्ट्र की मुहिम को बढ़ाने में मददगार होंगे.
किसानों को हाथ लगी मायूसी!
आधी आबादी के साथ किसानों को भी मदद देना बेहद जरुरी है, जिससे विकसित राष्ट्र का सपना साकार करना आसान हो जाए. लेकिन इस बार के बजट में किसानों के लिए ज्यादा ऐलान ना होने से एक्सपर्ट्स इसे निराशाजनक बता रहे हैं. अब देखना यही है कि विकसित राष्ट्र के सपने को पूरा करने के लिए सरकार आगे किस तरह के कदम उठाएगी जिससे सबका साथ सबका विकास की मंशा भी पूरी की जा सके.