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Small Saving Schemes पर ना बढ़ा...ना घटा ब्याज इस बार, पिछली बार हुआ था ये बवाल!

केन्द्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर को इस बार पहले जैसा रखा है. यानी जुलाई से सितंबर की अवधि के लिए लोगों को इन बचत योजनाओं पर अप्रैल-जून जैसी ब्याज ही मिलेगी. हालांकि पिछली बार इन बचत योजनाओं को लेकर एक बड़ा राजनीतिक बवाल भी खड़ा हो गया था. जानें किस योजना पर मिलेगा कितना ब्याज...

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नहीं बदली छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर (Photo : Getty)
नहीं बदली छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर (Photo : Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ‘छोटी सेविंग्स में PPF, NSC जैसी योजनाएं शामिल’
  • ‘सुकन्या समृद्धि खाते पर मिलता है सबसे ज्यादा ब्याज’
  • ‘सीनियर सिटिजन्स के लिए भी है अलग योजना’

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) पत्र जैसी आम आदमी की पसंदीदा छोटी सेविंग्स पर सरकार ने ब्याज दरों को पूर्ववत रखा है. वित्त वर्ष 2021-22 की जुलाई-सितंबर तिमाही में लोगों को अप्रैल-जून जितना ही ब्याज मिलेगा. हालांकि पिछली बार जब सरकार ने अप्रैल-जून अवधि के लिए ब्याज दरों की घोषणा की थी तो एक बड़ा राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया था.

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छोटी सेविंग्स पर मिलेगी ये ब्याज
जुलाई-सितंबर तिमाही में भी आम आदमी को 5 वर्ष की अवधि वाले फिक्स्ड डिपॉजिट पर 6.7%, 12 महीने की जमा पर 5.5%, NSC पर  6.8%, PPF पर 7.1%,  सुकन्या समृद्धि खाते पर 7.6% और  वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजना पर 7.4% का ब्याज मिलेगा. इसमें पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाएं भी शामिल हैं.

अप्रैल में हुआ था बवाल
अप्रैल के महीने में देश में 5 विधानसभाओं के चुनाव चल रहे थे. उस समय वित्त मंत्रालय ने 30 मार्च 2021 को छोटी बचत योजनाओं के ब्याज में कटौती करने का सर्कुलर जारी किया था. लेकिन इस सर्कुलर को 12 घंटे से भी कम समय में वापस ले लिया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुबह-सुबह ट्वीट कर कहा था कि इन बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है और जो पहले आया सर्कुलर ‘गलती’ से जारी हो गया था.

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आजतक ने दायर की आरटीआई
वित्त मंत्री के इस फैसले को ‘गलती’ करार दिए जाने के बाद आजतक की ओर से फैसले की प्रक्रिया जानने को लेकर एक आरटीआई दाखिल की गई. इस आरटीआई के जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया कि इस तरह के फैसले ‘सीनियर अथॉरिटी’ (वित्त मंत्री) के संज्ञान से ही लिए जाते हैं. जब ये बात सामने आई तो विपक्ष ने भी इसे लेकर सरकार पर हल्ला बोला. पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने ‘गलती’ वाली बात को एक मनगढ़ंत कहानी बताया.

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