चीन और अमेरिका के बीच तनातनी का नुकसान अब कंपनियों को उठाना पड़ रहा है. पिछले दो दिन में आईफोन (iPhone) बनाने वाली दिग्गज अमेरिकी कंपनी एपल (Apple) को आर्थिक तौर पर तगड़ा झटका लगा है.
दरअसल, मामला आईफोन से जुड़ा है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन के सरकारी अधिकारियों को आईफोन रखने से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस खबर की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन इसका असर Apple के शेयरों पर देखने को मिल रहा है.
बता दें, चीन के सरकार अधिकारियों के आईफोन इस्तेमाल पर बैन की खबर मंगलवार को आई थी. जिसके बाद बुधवार को एपल के शेयर करीब 4 फीसदी टूट गए थे. फिर गुरुवार को भी शेयर में 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. दो दिन की इस गिरावट से एपल का मार्केट कैप (Market Cap) करीब 20 हजार करोड़ डॉलर (यानी 16.61 लाख करोड़ रुपये) घट गया. हालांकि शुक्रवार को शेयर सपाट कारोबार कर रहा है. यानी मौजूदा समय में भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का जितना मार्केट कैप है, उतना एप्पल को दो दिन में झटका लग चुका है. शुक्रवार को RIL का मार्केट कैप 16.57 लाख करोड़ रुपये था.
iPhone बैन का फैसला क्यों?
इस बीच गुरुवार को Apple Stock नेस्डैक (Nasdaq) पर गिरकर 177.56 डॉलर पर बंद हुआ था. 5 सितंबर को यह 189.7 डॉलर के भाव पर था. फिलहाल एपल का मार्केट कैप 2.80 लाख करोड़ डॉलर है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी दफ्तरों में अफसरों के आईफोन बैन को लेकर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. लेकिन खबरों की मानें तो अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे आईफोन लेकर ऑफिस न आएं, और ऑफिस में सरकारी काम करने के लिए आईफोन का इस्तेमाल न करें.
हालांकि अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि क्या सभी सरकारी दफ्तरों में ये बैन लगाया गया है, या फिर कुछ ही दफ्तरों को ये आदेश मिला है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसका दायरा बढ़ सकता है. अगर चीन में सभी सरकारी कर्मचारियों को आईफोन रखने पर रोक लगता है तो इसकी सेल में करीब 5 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है, जो आर्थिक तौर बड़ा आंकड़ा होगा.
गौरतलब है कि iPhone बनाने वाली कंपनी अमेरिकी है. लेकिन इस कंपनी के लिए चीन एक बड़ा बाजार है. एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन, हॉन्ग कॉन्ग और ताइवान दुनिया में एपल के लिए तीसरा सबसे बड़ा बाजार है. एपल का चीन में बड़ा कारोबार है. एपल के अधिकतर प्रोडक्ट्स यहां एसेंबल किया जाते हैं.
अगर चीन अभी सरकारी अधिकारियों को आईफोन के इस्तेमाल से रोकता है, तो फिर आने वाले दिनों में जनता के लिए वो फरमान जारी कर सकता है. हालांकि चीन के इस बैन के पीछे एक मकसद हो सकता है, लोग आईपीओ की बजाय चाइनीज फोन का इस्तेमाल करें. जिससे चाइनीज कंपनियों को फायदा होगा.
Huawei को मिल सकता है फायदा
चीन द्वारा आईफोन के इस्तेमाल पर बैन लगाने से चाइनीज मोबाइल कंपनियों को बड़ा फायदा हो सकता है. इस कड़ी सबसे ज्यादा लाभ Huawei कंपनी को मिल सकता है. हुवावे (Huawei) के नए फोन Mate 60 Pro की डिमांड लगातार बढ़ रही है. इस मोबाइल में चीन में ही बनी हुवावे की सब्सिडियरी हाईसिलिकॉन (HiSilicon) की चिप लगी हुई.
गौरतलब है कि अमेरिका (America) और चीन (China) के बीच तनाव का असर पिछले 5 साल से दोनों देशों के कंपनियों पर हो रहे हैं. आज से करीब 4 साल पहले 2019 में चाइनीज कंपनी हुवावे को अमेरिका ने ऐसी कंपनियों की सूची में रखा था, जो सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं. आरोप लगा था कि इन फोन के जरिये चीन सरकार तक अमेरिका की संवेदनशील जानकारियां पहुंच सकती हैं.