scorecardresearch
 

एक अनुमान और चीन में हाहाकार, 30 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ... भारत के लिए जबर्दस्त मौका!

अमेरिका के साथ गहराता तनाव भी चीन के शेयर मार्केट में गिरावट की बड़ी वजह है. अब चीन की कमजोर विकास दर निवेशकों को यहां से दूर कर रही है. इस साल चीन की विकास दर 2023 के 5.2 फीसदी के मुकाबले गिरकर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है.

Advertisement
X
China GDP Forecast
China GDP Forecast

भारत की आर्थिक तरक्की ने दुनिया को हैरत में डाल दिया है. लेकिन देश की तेज ग्रोथ से चीन को सबसे ज्यादा तकलीफ हो रही है. दरअसल, अर भारत में विदेशी निवेश बढ़ रहा है तो चीन में ये घट रहा है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसियां भारत का विकास दर अनुमान बढ़ा रही हैं और चीन का घटा रही हैं. वहीं भारत का बढ़ता निर्यात और मजबूत बाजार भी इसे दुनियाभर में सबसे आकर्षक डेस्टिनेशन बना रहा है. 

Advertisement

भारत की इकोनॉमी के तेजी से बढ़ने के बीच दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी चीन की चाल सुस्त हो गई है. चीन में बैंकिंग क्राइसिस से लेकर रियल एस्टेट संकट और अब शेयर बाजार में भी गिरावट से वहां कोहराम मच गया है. चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट की सबसे बड़ी वजह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में आई कमी है. इसके असर से चीन धीरे-धीरे मंदी की चपेट में आ रहा है.  

30 साल में सबसे कम FDI
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में आने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI घटता जा रहा है और ये 30 साल में सबसे खराब रहा है. बीते साल देश को मिलने वाला विदेशी निवेश महज 33 अरब डॉलर था जो 2022 के मुकाबले 82 फीसदी कम है. 2023 में चीन का डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट लायबलिटीज 33 अरब डॉलर पर आ गया जो 1993 के बाद सबसे कम है. 

Advertisement

वहीं चीन की इकोनॉमी का सबसे मजबूत खंभा यानी रियल एस्टेट सेक्टर भी बीते कुछ साल से गंभीर संकट में है. चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांडे दिवालिया हो चुकी है. रियल सेक्टर संकट ने बैंकिंग सेक्टर को भी अपनी चपेट में ले लिया है. रियल एस्टेट डेवलपर्स को कर्ज देने वाले बैंक भी अब संकट में फंसते जा रहे हैं. इन सब तनावों के असर से चीन का शेयर बाजार दवाब में आ गया है. 

वहीं अमेरिका के साथ गहराता तनाव भी चीन के शेयर मार्केट में गिरावट की बड़ी वजह है. अब चीन की कमजोर विकास दर निवेशकों को यहां से दूर कर रही है. इस साल चीन की विकास दर 2023 के 5.2 फीसदी के मुकाबले गिरकर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है. अगर ये अनुमान सही साबित हुआ तो चीन की अर्थव्यवस्था के लिए ये 10 बरसों का सबसे खराब प्रदर्शन होगा. 

भारत बना चीन का विकल्प!
हालात ये हैं कि विदेशी कंपनियां और निवेशक भारत को चीन के विकल्प के तौर पर देखने लगे हैं. भारतीय शेयर बाजार लगातार तेजी के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. शॉर्ट टर्म से लेकर लॉन्‍ग टर्म में निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न मिल रहा है. जानकारों के मुताबिक भारत का शेयर बाजार लॉन्ग टर्म में निवेशकों को शानदार मुनाफा देने में कामयाब हो सकता है. रिटेल निवेशकों के बड़ी संख्‍या में शेयर बाजार में जुड़ने से भी इसकी रफ्तार तेज हुई है और इसमें स्थिरता आई है. 

Advertisement

वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक औसतन 2 अरब डॉलर की खरीदारी हर महीने शेयर बाजार में कर रहे हैं. IMF ने भारत के ग्रोथ रेट को बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है, जबकि चीन का GDP ग्रोथ अनुमान घटाकर 4.6 परसेंट कर दिया है. ऐपल, माइक्रॉन, फॉक्सकॉन जैसी बड़ी कंपनियां अब चीन की जगह भारत में अपना प्रोडक्शन हब बनाना चाहती हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो चीन की गिरती इकोनॉमी भारत के लिए एक शानदार मौका लेकर आई है.

Live TV

TOPICS:
Advertisement
Advertisement