बिजली संकट (Power crisis in Chian) और रियल एस्टेट में मंदी चीन के लिए भारी पड़ी है. सितंबर 2021 में खत्म तिमाही में चीन के जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार 4.9% पर आ गई है.
चीन के National Bureau of Statistics ने सोमवार को जुलाई से सितंबर की तीसरी तिमाही के आंकड़े जारी किए. चीन में जनवरी से ही वित्त वर्ष की शुरुआत मानी जाती है, इसलिए यह उसके लिए तीसरी तिमाही है.
क्यों हुई कम बढ़त?
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बिजली की शॉर्टेज और आपूर्ति में अड़चन की वजह से कारखानों को काफी नुकसान हुआ है. कोविड संकट की वजह से खपत वैसे ही कम है.
इस साल अप्रैल से जून की तिमाही में चीन की जीडीपी में 7.9% की अच्छी ग्रोथ हुई थी. इसके पहले पिछले साल की तीसरी तिमाही में भी जीडीपी ग्रोथ 4.9 फीसदी थी. लेकिन तब कोरोना संकट हावी था. इस साल की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च में चीन की जीडीपी में 18.3% की शानदार बढ़त हुई थी. यह रिकॉर्ड बढ़त बेस इफेक्ट की वजह से थी.
मुश्किल में चीन
चीन ने कोरोना के बाद अपनी इकोनॉमी को पटरी पर ला दिया था, लेकिन अब फिर से संकट दिख रहा है. प्रॉपर्टी सेक्टर में मंदी, बिजली की तंगी की वजह से कारखानों का उत्पादन ठप पड़ना आदि की वजह से इकोनॉमी सुस्त हो गई है.
इसकी वजह से इस बात के आसार बढ़े हैं कि चीन सरकार जल्द ही राहत पैकेज का ऐलान करे. चीन की दिग्गज रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रैंड दिवालिया होने की कगार पर है और इसका असर वहां की पूरी इकोनॉमी पर पड़ा है.