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कोरोना से चीन की इकोनॉमी धड़ाम! विकास दर पर बड़ी चोट, ड्रैगन उठा सकता है ये कदम

कोविड की मार से चीन की अर्थव्यवस्था अभी तक उबर नहीं पाई है. चीन की सरकार ने इस साल के लिए विकास दर के लक्ष्य में कटौती की है. पिछले साल भी चीन का आर्थिक मोर्चे पर बेहद ही खराब प्रदर्शन रहा था.

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आर्थिक मोर्चे पर कम नहीं हो रही हैं चीन की मुश्किलें.
आर्थिक मोर्चे पर कम नहीं हो रही हैं चीन की मुश्किलें.

कोविड ने चीन की इकोनॉमी (China Economy) को बुरी तरह से झकझोरा है. इस वजह से चीन के आर्थिक विकास दर के लक्ष्य में कटौती देखने को मिल रही है. चीन ने इस साल के लिए मामूली पांच फीसदी का आर्थिक विकास दर का लक्ष्य तय किया है. सरकार के एक वर्किंग रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) ने अपने वार्षिक संसदीय सत्र को किक-ऑफ किया. इस वर्ष के पांच फीसदी का तय लक्ष्य उम्मीद से कम है, क्योंकि पॉलिसी सोर्स ने हाल ही में न्यूज एजेंसी रायटर्स को बताया था कि इकोनॉमी ग्रोथ लक्ष्य की सीमा 6 फीसदी तक निर्धारित की जा सकती है. 

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आर्थिक स्थिरता को प्राथमिकता

रिपोर्ट में मौजूदा प्रीमियर ली केकियांग ने कहा कि आर्थिक स्थिरता को प्राथमिकता देना आवश्यक था. इस वर्ष लगभग 12 मिलियन शहरी रोजगार सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, जो पिछले वर्ष के कम से कम 11 मिलियन के लक्ष्य से अधिक था. चीन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में पिछले साल सिर्फ तीन फीसदी की वृद्धि हुई थी. पिछले एक दशक में इकोनॉमी ग्रोथ के मोर्चे पर चीन का ये पिछले चार दशक में सबसे खराब प्रदर्शन था. चीन की सरकार ने कोविड को लेकर कड़े प्रतिबंध लगाए थे. इसकी वजह से वहां आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ गई थीं. 

सरकारी बजट घाटा

रिपोर्ट के अनुसार, ली ने सरकारी बजट घाटे का लक्ष्य GDP का 3.0 फीसदी निर्धारित किया. ये पिछले वर्ष के लगभग 2.8 फीसदी के लक्ष्य से बढ़ा है. माना जा रहा है कि इस साल के संसदीय सत्र में सरकार बड़े फेरबदल लागू करने वाले फैसलों का ऐलान कर सकती है. क्योंकि आर्थिक मोर्चे पर चीन अभी भी मुश्किलों का सामना कर रहा है. कोविड से प्रभावित अपनी इकोनॉमी को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश में चीन की सरकार जुटी हुई है. 

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ली केकियांग पर बड़ी जिम्मेदारी

ली राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रति वफादारों के लिए रास्ता बना रहे हैं. ली को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने का काम सौंपा गया है. पीपुल्स कांग्रेस ने रविवार को कहा कि पार्टी केंद्रीय समिति के मजबूत नेतृत्व में कठिनाइयों और चुनौतियों पर काबू पाने के बाद हम स्थिर आर्थिक प्रदर्शन को बनाए रखने में सफल रहे हैं.

कोविड बना मुसीबत

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस का प्रकोप उसके लिए मुसीबत का सबब बना. बीते साल 2022 में देश में कोरोना पर काबू पाने के लिए वायरस से निपटने के लिए लगाई गईं पाबंदियों और रियल एस्टेट सेक्टर पर मंदी (Recession) के चलते चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ 3 फीसदी की दर से हुई थी. ये पिछले चार दशक में सबसे कमजोर आंकड़ा रहा था. चीन ने साल 2022 के लिए करीब 5.5 फीसदी का विकास दर लक्ष्य निर्धारित किया था, जो वर्ष 2021 में चीन की जीडीपी 8.1 फीसदी से काफी कम था. 

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