भारतीय शेयर बाजार अब अपने ऑल टाइम हाई के आसपास कारोबार कर रहा है. इस बीच, चीन के शेयर बाजार में धुंआधार तेजी आई है. एक सप्ताह के भीतर ही चीनी स्टॉक मार्केट (China Stock Market) के CSI300 इंडेक्स में 25% और Hang Seng इंडेक्स में 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
सोमवार को ही चीन के शेयर इंडेक्स में 8% से ज्यादा की तेजी आई थी और यह 4,017.85 पर बंद हुआ था. विंड इन्फॉर्मेशन के अनुसार, शंघाई और शेन्ज़ेन स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग वॉल्यूम 2.59 ट्रिलियन युआन ($368.78 बिलियन) तक पहुंच गया, जो 28 मई, 2015 को 2.37 ट्रिलियन युआन के हाई लेवल को भी पार कर गया. कैम्ब्रिज एसोसिएट्स के आरोन कॉस्टेलो ने बताया कि 2014 से 2015 के बीच छह महीनों में चीनी शेयर बाजार दोगुना हो गया था. हालांकि अभी उतनी तेजी नहीं आई है. लेकिन ऐसी बढ़ोतरी बबल पैदा कर सकती है.
एक सप्ताह के लिए मार्केट रहेगा बंद
सोमवार को शंघाई कम्पोजिट 3,336.5 पर बंद हुआ. हालांकि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक सप्ताह की छुट्टी के लिए बंद (Stock Market Holidays) हैं. 8 अक्टूबर को ट्रेडिंग फिर से शुरू होने वाली है. बीजिंग लंबे समय से अपने घरेलू शेयर बाजार को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, जो लगभग 30 साल पुराना है और अमेरिका के शेयर बाजार से बहुत छोटा है.
अचानक क्यों चीनी शेयर बाजार में धुंआधार तेजी?
पिछले सप्ताह आर्थिक सहायता और संस्थानों को शेयरों में ज्यादा निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नीतियों में बदलाव किया गया था. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में रियल एस्टेट बाजार में गिरावट को रोकने के साथ-साथ राजकोषीय और मौद्रिक नीति को मजबूत करने पर फोकस रखने को कहा था. पिछले सप्ताह पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने भी ब्याज दरों और मौजूदा बंधक धारकों को चुकाने वाली राशि में कटौती का भी ऐलान किया था.
बस इन ऐलान के बाद ही चीन के शेयर बाजार में गजब तेजी आई. इस खबर से शेयरों को साल के सबसे निचले स्तर से उबरने में मदद मिली. सीएसआई 300 ने 2008 के बाद से अपने सबसे अच्छे हफ़्ते में लगभग 16% की बढ़त हासिल की है. ''चीन की गारंटीड बबल'' के लेखक झू निंग ने कहा कि इस बार नीति 2015 की तुलना में बहुत मजबूत और अधिक समन्वित है. फिर भी कठिनाईयां आ सकती हैं.
ज्यादा दिन के लिए नहीं ये तेजी?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन को बुनियादी तौर पर कॉर्पोरेट इनकम में बढ़ोतरी देखने की आवश्यकता है. अगर ये नहीं बढ़ता है तो यह उछाल ज्यादा समय के लिए नहीं है. उदाहरण- इस साल की शुरुआत में बाजार में आई गिरावट को रोकने के लिए बीजिंग ने इक्विटी नियामक के प्रमुख को बदलने की कोशिश की थी, जिसके बाद शेयर बाजार में तेजी आई लेकिन मई में यह तेजी खत्म हो गई.
भारतीय शेयर बाजार के लिए क्यों टेंशन?
कुछ समय से चीनी बाजार में गिरावट के कारण विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार की ओर तेजी से बढ़ रहे थे और विदेश से हर हफ्ते एक बड़ा निवेश हो रहा था, लेकिन अब चीनी Stock Market में तेजी से FIIs चीन की ओर एक बार फिर बढ़ सकते हैं, जिससे भारतीय बाजार में गिरावट आ सकती है.
सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने एक ही दिन के कारोबार में एक अरब डॉलर से अधिक अमाउंट निकाले थे, जिस कारण सेंसेक्स में लगभग 1,300 अंकों की गिरावट आई थी और निफ्टी में 372 अंकों की कमी देखी गई थी. मंगलवार को Sensex 33 अंक टूटकर 84,266.29 पर थे, जबकि निफ्टी 14 अंक टूटकर 25,796.90 लेवल पर था.