मंदी की आशंका का असर कच्चे तेल के भाव (Crude Oil Price) पर दिखने लगा है. बीते दिन अमेरिकी बेंचमार्क (U.S. benchmark) क्रूड ऑयल का रेट 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया. आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) की वजह से पेट्रोलियम प्रोडक्ट की मांगों में गिरावट आ सकती है. इस वजह से क्रूड ऑयल के रेट में गिरावट देखी जा रही है. इस बीच विदेशी ब्रोकरेज फर्म सिटी (Citi) ने दावा किया है कि इस साल के अंत तक कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकती हैं.
अगले साल भी गिरेंगे भाव
वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 8.4% यानी 9.14 डॉलर की गिरावट के साथ 99.29 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. इससे पहले मई में इंटरमीडिएट क्रूड का भाव 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिरा था. सिटी ग्रुप का दावा है कि क्रूड ऑयल के दामों में गिरावट सिर्फ इस साल नहीं, बल्कि अगले साल भी जारी रह सकती है. 2023 के अंत तक क्रूड ऑयल का भाव गिरकर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है.
इस वजह से घटेंगी कीमतें
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में सिटी ग्रुप के हवाले से कहा गया है, ऐसा लग रहा है कि 2022 और 2023 में रूसी कच्चे तेल का निर्यात मजबूत बना रह सकता है. सिटी ने कहा कि आगे वैश्विक कच्चे तेल की मांग में कमजोरी से इंवेंट्रीज (तेल का स्टॉक) बढ़ जाएंगी. इस वजह से आगे चलकर कीमतें कमजोर होंगी.
औसतन कितना पहुंचेगा रेट
सिटी ग्रुप का अनुमान है कि ब्रेंट क्रूड का रेट 2022 की तीसरी तिमाही में 99 डॉलर प्रति बैरल और चौथी तिमाही में 85 डॉलर प्रति बैरल हो सकता है. कुल मिलाकर सिटी ग्रुप ने ब्रेंट क्रूड की कीमत 2022 में औसतन 98 डॉलर प्रति बैरल और 2023 में 75 डॉलर प्रति बैरल तक गिरने का अनुमान लगाया है.
WTI क्रूड के रेट को लेकर सिटी का अनुमान है कि ये 2022 में औसतन 95 डॉलर प्रति बैरल और 2023 में 72 डॉलरप्रति बैरल तक रह सकता है. फिलहाल इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल का भाव 112 डॉलर प्रति बैरल है. विश्व में तेल की मांग औसतन 100.3 मिलियन बैरल प्रति दिन रहने का अनुमान है.
भारत में कम हो सकती हैं कीमतें
भारत में पेट्रोल 96-111 रुपये प्रति लीटर के बीच बिक रहा है. ऐसे में अगर आने वाले दिनों में कच्चे तेल के भाव में गिरावट आती है, तो लोगों को महंगे ईंधन से राहत मिल सकती है. भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के रेट के आधार पर तय होती हैं. भारत क्रूड ऑयल आयात करने वाले प्रमुख देशों में से एक है. इन दिनों भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ा दिया है.