पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि मदर टेरेसा की बनाई संस्था के सारे बैंक अकाउंट केंद्र सरकार ने फ्रीज कर दिए हैं. वहीं दूसरी ओर मिशनरीज का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है और उनके सारे बैंक अकाउंट ठीक से काम कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, "यह सुनकर हैरानी हुई कि यूनियन मिनिस्ट्री ने क्रिसमस के दिन मदर टेरेसा की मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सारे बैंक अकाउंट भारत में फ्रीज कर दिया है. इससे मिशनरीज के 22 हजार मरीजों और कर्मचारियों के पास न खाना बचा है, न दवा. कानून भले ही सबसे ऊपर है, लेकिन मानवीय प्रयासों से भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए."
वहीं दूसरी ओर मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने ऐसी किसी कार्रवाई से इनकार किया. मिशनरीज ऑफ चैरिटी के प्रवक्ता Sunita Kumar ने कहा कि भारत सरकार के द्वारा किसी खाते को फ्रीज किए जाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने दावा किया कि सारे बैंक खाते सही से काम कर रहे हैं.
प्रवक्ता ने कहा, "नहीं, हमें इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है. जहां तक मेरी बात है, मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है. भारत सरकार ने हमें ऐसा कुछ भी नहीं बताया है. हमारे बैंक ट्रांजेक्शन अच्छे से हो रहे हैं. सब ठीक है."
इस बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बताया कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने खुद ही अपने बैंक अकाउंट को फ्रीज करने कर रिक्वेस्ट किया था. सरकार की ओर से यह भी जानकारी दी गई है कि MoC के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन का रीन्यूअल नहीं हुआ है. यह रजिस्ट्रेशन 31 अक्टूबर 2021 तक के लिए ही वैलिड था, जिसे बाद में अन्य निकायों के साथ MoC के लिए भी 31 दिसंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया. रजिस्ट्रेशन को यह एक्सटेंशन हर उस निकाय को मिला, जिनका रीन्यूअल अप्लिकेशन पेंडिंग में था.
MoC का रीन्यूअल अप्लिकेशन 25 दिसंबर 2021 को रिजेक्ट किया गया. इसके बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी की ओर से रीव्यू की कोई अपील भी नहीं की गई है. आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि MoC के रीन्यूअल अप्लिकेशन पर विचार करने के दौरान कुछ प्रतिकूल इनपुट प्राप्त हुए थे. इन्हीं इनपुट के चलते अप्लिकेशन को मंजूरी नहीं मिल पाई.