scorecardresearch
 

इस अक्टूबर में पिछले साढ़े पांच साल की सबसे ज्यादा बिजली की तंगी! रिपोर्ट में दावा

Coal Power crisis: भारत मार्च 2016 के बाद के सबसे गंभीर बिजली तंगी का सामना कर रहा है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में डेटा एन‍ालिसिस के द्वारा यह दावा किया गया है. एजेंसी ने संघीय ग्रिड नियंत्रक POSOCO के डेटा के विश्लेषण के आधार पर यह दावा किया है.

Advertisement
X
भारत में बिजली की भारी कमी का दावा (फाइल फोटो)
भारत में बिजली की भारी कमी का दावा (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अक्टूबर में बिजली की बड़ी शॉर्टेज
  • एक रिपोर्ट में किया गया दावा

भारत मार्च 2016 के बाद के सबसे गंभीर बिजली तंगी (Coal Power crisis) का सामना कर रहा है. कोयले की कमी की वजह से यह संकट आया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में डेटा एन‍ालिसिस के द्वारा यह दावा किया गया है. 

Advertisement

एजेंसी ने संघीय ग्रिड नियंत्रक Power System Operation Corporation (POSOCO) के डेटा के विश्लेषण के आधार पर यह दावा किया है. रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर माह में पहले 12 दिन बिजली आपूर्ति में 75 करोड़ किलोवॉट घंटे की शॉर्टेज रही. यह करीब 1.6 फीसदी की तंगी है जो पिछले साढ़े पांच साल में पहले कभी नहीं देखी गई. 

अक्टूबर महीने में बड़ी गिरावट 

अगर महीने के हिसाब से देखें तो यह आपूर्ति में नवंबर 2018 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है, जबकि अभी अक्टूबर महीने में एक पखवाड़े से ज्यादा का समय बचा हुआ है. अक्टूबर महीने की तंगी का योगदान इस साल पूरे साल के बिजली शॉर्टेज में करीब 21.6% का है.

इन राज्यों में ज्यादा तंगी 

रिपोर्ट के अनुसार, बिजली की तंगी से सबसे ज्यादा प्रभावित राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसे उत्तरी राज्य और बिहार, झारखंड जैसे पूर्वी राज्य हुए हैं. इन राज्यों में बिजली आपूर्ति में 2.3% से 14.7% तक की कमी देखी गई है. 

Advertisement

क्यों आई तंगी 

रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना की दूसरी लहर के बाद आर्थ‍िक गतिविध‍ियों के खुलने की वजह से कोयले की मांग काफी बढ़ी है और इसकी वजह से इसकी कमी हो गई. कोयले की कमी की वजह से थर्मल पावर वाले प्लांट में बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ और इससे बिहार, राजस्थान, झारखंड जैसे कई राज्यों को रोज 14 घंटे तक बिजली की कटौती करने को मजबूर होना पड़ा. 

 

Advertisement
Advertisement