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कोरोना संकट: पटरी पर लौट नहीं पाया Railway, लगातार दूसरे साल टिकटों से कमाई में भारी गिरावट 

Indian Railway earning: कोरोना संकट के दौरान पिछले वित्त वर्ष (2020-21) में रेलवे की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई थी, तो इस वित्त वर्ष 2021-22 में भी यात्री टिकटों से कमाई के लिहाज से रेलवे अभी पटरी पर लौट नहीं पाया है. 

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रेलवे की कमाई अभी ट्रैक पर नहीं (फाइल फोटो)
रेलवे की कमाई अभी ट्रैक पर नहीं (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना काल में सीमित थी आवाजाही
  • इस साल भी रेलवे को खास कमाई नहीं

कोरोना संकट (Corona crisis) भारतीय रेलवे के लिए भी काफी मुश्किलें लेकर आया है. कोरोना संकट के दौरान पिछले वित्त वर्ष (2020-21) में रेलवे की अर्थव्यवस्था (Indian Railway economy) पूरी तरह से पटरी से उतर गई थी, तो इस वित्त वर्ष 2021-22 में भी यात्री टिकटों से कमाई के लिहाज से रेलवे अभी पटरी पर लौट नहीं पाया है. 

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सरकार द्वारा लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2019-20 के मुकाबले वित्त वर्ष 2020-21 में रेलवे की यात्री टिकटों की बिक्री में 35,421 करोड़ रुपये की भारी कमी आई है. वित्त वर्ष 2019-20  में रेलवे ने यात्री टिकटों की बिक्री से कुल 50,669.09 करोड़ रुपये की कमाई की थी.

वित्त वर्ष 2020-21 टिकटों की बिक्री से कमाई 15,248.49 करोड़ रुपये की और इस वित्त वर्ष में सितंबर तक के छह महीने में 15,434.18 करोड़ रुपये की कमाई हुई.

क्यों आई भारी गिरावट? 

गौरतलब है कि कोरोना संकट के दौरान बहुत सीमित मात्रा में ही ट्रेनों का संचालन हुआ और जरूरी यात्राओं की ही इजाजत दी जा रही थी. यात्रा और सोशल डिस्टेंसिंग मानकों को लेकर कई तरह की सख्ती की वजह से रेलवे की कमाई को भारी नुकसान हुआ. 

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प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री भी घटी

वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री से 166.87 करोड़ रुपये की कमाई की थी. लेकिन साल 2020-21 के दौरान रेलवे ने सिर्फ 15.48 करोड़ रुपये के प्लेटफॉर्म टिकट बेचे. यानी इसमें 133 करोड़ रुपये की भारी कमी आई. 

इस वित्त वर्ष यानी में सितंबर तक के छह महीनों में रेलवे को प्लेटफॉर्म टिकट से 60.79 करोड़ रुपये की आय हुई. हालात में सुधार के बावजूद रेलवे अध‍िकारियों का कहना है कि इस साल तो कोरोना पूर्व के आंकड़े हासिल करना संभव नहीं लगता. 

इस मद में हुई बचत 
 
हालांकि इस दौरान रेलवे की एक खास मद में बचत भी हुई है. रेलवे यात्रियों को कई मद में रियायतें देती है जिस पर उसे वित्त वर्ष 2019-20 में 2059 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. लेकिन कोरोना संकट वाले पिछले वित्त वर्ष 2020-21में उसे इस मद में महज 38 करोड़ रुपये का ही नुकसान हुआ. 

गौरतलब है कि रेलवे के किराये पर भारत सरकार को सब्सिडी देनी पड़ती है, यानी रेलवे का जो ऑपरेटिंग कॉस्ट होता है, वह यात्रियों से होने वाली कमाई से कम होता है. 


 

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