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शेयर बाजार में कोरोना का कहर, निवेशकों को 8.78 लाख करोड़ रुपये की चपत

देश में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं. इसकी वजह से निवेशकों में चिंता बढ़ी है और एक बार फिर से लॉकडाउन लगने की आशंका पैदा हुई है. इसकी वजह से आज भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के निवेशकों को करीब पौने नौ लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. 

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निवेशकों को भारी नुकसान (फाइल फोटो: Getty Images)
निवेशकों को भारी नुकसान (फाइल फोटो: Getty Images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना के कहर से बाजार पस्त
  • निवेशकों को हुआ भारी नुकसान

कोरोना के बढ़ते मामले भारतीय शेयर बाजार के लिए भारी पड़ रहे हैं. सोमवार को इसकी वजह से शेयर बाजार में भारी गिरावट आई और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के निवेशकों को करीब पौने नौ लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. 

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गौरतलब है कि रविवार को देश में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं. इसकी वजह से निवेशकों में चिंता बढ़ी है और एक बार फिर से लॉकडाउन लगने की आशंका पैदा हुई है. कई राज्यों में तो मिनी लॉकडाउन लग भी चुका है. 

इसकी वजह से आज भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई. सोमवार को सुबह सेंसेक्स 635 अंकों की गिरावट के साथ 48,956.65 पर खुला और कारोबार के अंत में 1707.94 अंकों की भारी गिरावट के साथ 47,883.38 पर बंद हुआ. 

मार्केट कैप में गिरावट

इसकी वजह से सोमवार को बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 8.78 लाख करोड़ रुपये तक की गिरावट आई और निवेशकों का कुल वेल्थ घटकर 200.85 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. गौरतलब है कि शुक्रवार, 9 अप्रैल को बाजार बंद होने के समय के बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट वेल्थ 209.63 लाख करोड़ रुपये था.

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शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव को मापने वाला इंडिया VIX 14.35 फीसदी बढ़कर 22.63 तक पहुंच गया, जो इस बात का संकेत है कि सेंसेक्स और निफ्टी में निगेटिव सेंटिमेंट बहुत ज्यादा है. 

महाराष्ट्र में फिर से पूरी तरह लॉकडाउन लगने की आशंका बन रही है, इसने निवेशकों के सेंटिमेंट को तोड़ दिया है. महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना के अब तक के एक दिन में सबसे ज्यादा 63,294 नए मामले सामने आए. इनमें से करीब 10 हजार केस राजधानी मुंबई से ही हैं. 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

जियोजित ​फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटजिस्ट डॉ. वी.के. विजयकुमार कहते हैं, 'महामारी की दूसरी लहर अनुमान से ज्यादा बदतर साबित हो रही है, इसलिए अर्थव्यवस्था और बाजारों पर इसके असर को लेकर घोर अनिश्चितता है. आर्थिक रूप से अहम महाराष्ट्र में हालात काफी बदतर हैं, इसलिए इसका जीडीपी पर करीब 11 फीसदी और कॉरपोरेट कमाई में ग्रोथ पर 30 फीसदी तक विपरीत असर हो सकता है.' निवेश के लिहाज से उन्होंने कहा कि सिर्फ फार्मा और आईटी सेक्टर ही कुछ टिके रह सकते हैं.

(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित) 

 

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