भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल में अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. इसमें वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बैंकिंग सेक्टर की पकड़ में आए नकली नोटों का डेटा भी दिया गया है. इसके हिसाब से नई डिजाइन वाले 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या सालाना आधार पर 102% बढ़ी है और बाकी मूल्य के नकली नोटों को मिलाकर इकोनॉमी को करोड़ों रुपये की चपत लगी है.
पकड़े गए 500 के इतने नकली नोट
रिपोर्ट के हिसाब से बैंकिंग सेक्टर ने 2021-22 के दौरान नई डिजाइन वाले कुल 79,669 नकली नोट (Counterfeit Notes of 500 Denomination) पकड़े हैं. पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में इनकी संख्या महज 39,453 थी. जबकि 2008 में नोटबंदी के दौरान बंद किए गए 500 रुपये के पुरानी डिजाइन वाले भी 14 नकली नोट पकड़े गए हैं. इनकी टोटल मनी वैल्यू 3,98,41,500 रुपये है.
2000 के नकली नोट बढ़े 55%
सरकार ने नई डिजाइन वाले 500 रुपये के नोट के साथ ही देश में 2,000 रुपये के नए नोट भी चालू किए थे. इस साल 2,000 रुपये मूल्य वाले भी 13,604 नकली नोट बैंकिंग सेक्टर में पकड़े गए हैं. इनकी टोटल मनी वैल्यू 2,72,08,000 रुपये है.
देश को लगी इतने करोड़ की चपत
वित्त वर्ष 2021-22 में सिर्फ 500 और 2,000 रुपये के नकली नोट ही नहीं पकड़े गए. बल्कि 10 रुपये से लेकर 20, 50, 100 और 200 रुपये के नकली नोट भी सामने आए. इन सभी को मिलाकर कुल 2,30,971 नकली नोट बैंकिंग सेक्टर में पकड़े गए. इनसे इकोनॉमी को टोटल 8,25,93,560 रुपये की चपत लगी है.
RBI की रिपोर्ट में वो नकली नोट शामिल नहीं हैं जिन्हें पुलिस, ईडी या किसी अन्य जांच एजेंसी ने पकड़ा है. आरबीआई ने सिर्फ उसके और बैंकों के पास आए नकली नोट का डेटा दिया है.
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