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IT कंपनियों में कर्मचारियों का सहारा बना PF फंड, खर्च कर दी बचत की रकम

कोरोना के दौर में आईटी कंपनी के कर्मचारियों के लिए पीएफ का पैसा अहम हथियार बना है. बैंकिंग सेक्टर में भी लोगों ने पीएफ का पैसा खर्च किया है.

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पीएफ की रकम कर्मचारियों के लिए अहम बचत होती है
पीएफ की रकम कर्मचारियों के लिए अहम बचत होती है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टीसीएस में 33,000 से अधिक कर्मचारियों ने उठाए पैसे
  • कर्मचारियों ने पीएफ के 1.5 करोड़ रुपये उठा लिए हैं 
  • कोरोना काल में सरकार ने शुरू की थी एडवांस क्लेम सुविधा

नौकरीपेशा लोगों के लिए प्रॉविडेंड फंड यानी पीएफ की रकम काफी अहम है. दरअसल, लोग इस रकम को भविष्य के बचत के तौर पर रखते हैं. लेकिन कोरोना संकट काल में लोगों की बचत की ये रकम खर्च हो गई है. ईपीएफओ के ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना काल में आईटी सेक्टर की प्रमुख कंपनियों के कर्मचारियों के लिए पीएफ का पैसा अहम हथियार बना है.

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बिजनेस टुडे पर छपी एक खबर के मुताबिक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचसीएल, और इंफोसिस के कर्मचारियों ने अप्रैल-जुलाई की अवधि में अपने अधिकांश ईपीएफ रकम को उठा लिया है. टीसीएस में 33,000 से अधिक कर्मचारियों ने पीएफ के करीब 1.5 करोड़ रुपये उठा लिए हैं. टीसीएस के अलावा एचडीएफसी बैंक (12,921), एचसीएल (11,957), इंफोसिस (5,534) और मारुति (2,146) के कर्मचारियों ने भी एडवांस पीएफ क्लेम किया है. ये ईपीएफओ के पास जो कुल एडवांस क्लेम आए हैं उनका लगभग 17 प्रतिशत है.

कोरोना काल में मिली सुविधा

आपको बता दें कि कोरोना काल में सरकार ने PF खाते से जमा राशि का 75 फीसदी एडवांस निकालने की अनुमति दी थी. इस व्यवस्था में दावों का निपटान तीन दिनों के भीतर हो रहा था. यह पूरी तरह ऑनलाइन था. इस व्यवस्था के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने पीएफ के पैसे निकाल लिए हैं. 

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नुकसान क्या है?

वैसे तो सरकार ने सुविधा को देते हुए कहा था कि लॉकडाउन के दौरान लोगों के हाथ में नगदी आएगी. हालांकि, इससे लोगों की बचत में सेंध भी लग गया है. मतलब ये कि लोगों ने कोरोना काल में पीएफ का पैसा खर्च कर दिया है. जाहिर सी बात है कि भविष्य के लिए ये बचत अब नहीं है. इसके साथ ही ब्याज के तौर पर मिलने वाले मुनाफे से भी खाताधारक चूक जाएंगे.

 

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