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अगले महीने भी जारी रहेगी कोरोना की नई लहर! मई मध्य तक हो सकता है पीक: CEA

मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के.वी. सुब्रमण्यम ने कहा है कि यह दूसरी लहर अभी अगले महीने भी जारी रह सकती है और इसका पीक यानी शीर्ष स्तर मई के मध्य तक रह सकता है.

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सीईए अरविंद सुब्रमण्यम का अनुमान (फाइल फोटो: पंकज नांगिया)
सीईए अरविंद सुब्रमण्यम का अनुमान (फाइल फोटो: पंकज नांगिया)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं
  • CEA ने कहा कि मई में भी बढ़ता जाएगा केस

देश में कोरोना की नई लहर से हालात काफी भयावह हो गए हैं. इस बीच मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के.वी. सुब्रमण्यम ने कहा है कि यह दूसरी लहर अभी अगले महीने भी जारी रह सकती है और इसका पीक यानी शीर्ष स्तर मई के मध्य तक रह सकता है.  

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गौरतलब है कि देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं . पिछले 24 घंटे में 2 लाख 95 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं और 2 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है.

क्या है आधार 

के.वी. सुब्रमण्यम ने कहा, 'मैं कोई एपिडेमियोलॉजिस्ट (महामारी का जानकार) नहीं. मैं सिर्फ इस पर नजर बनाए रखे हुए हूं...मैंने एपिडेमियोलॉजी पर बहुत सारे पेपर पढ़े हैं.आईआईटी कानपुर के कई अच्छे मैथमेटिकल मॉडलिंग के आधार पर और आईसीएमआर जैसी कई संस्थाओं के रिसर्च के आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर का पीक लेवल मई मध्य तक आएगा.'   

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित एक वर्चुअल इवेंट को संबोधित करते हुए मंगलवार को उन्होंने कहा कि इस फील्ड के एक्सपर्ट नहीं हैं , इसलिए उनके इस आकलन में कई किंतु-परंतु हो सकते हैं.

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अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं

सुब्रमण्यम ने यह उम्मीद भी जताई कि इस संकट का असर अर्थव्यवस्था पर ज्यादा नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामलों की नई लहर का यह आकलन इंडियन मेडिकल रिसर्च (ICMR) जैसी कई संस्थाओं के रिसर्च पर आधारित है. 

इस नई लहर का अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा, इसके बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इसका अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि सरकार ने उद्यमों खासकर MSME को प्रोडक्शन लॉस से बचाने के लिए कई उपाय किए हैं. 

उन्होंने कहा कि भारत सप्लाई साइड की बाधाओं का समाधान करते हुए ऐसे उपाय कर रहा है ताकि इकोनॉमी के लिहाज से इस आपदा को हम अवसर में बदल सकें. 

 

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