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कोरोना वैक्सीन से कम होगा टैक्स का भार? GST कौंसिल की बैठक शुरू

GST कौंसिल की बैठक करीब 8 महीने बाद हो रही है. इसमें कोविड वैक्सीन पर जीएसटी, कोविड संबंधी दवाओं, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, पीपीई किट जैसे जरूरी मेडिकल डिवाइस पर जीएसी घटाने या खत्म करने जैसे अहम बिंदुओें पर चर्चा होने की संभावना हैं. 

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वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी कौंसिल की बैठक (फोटो: @FinMinIndia)
वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी कौंसिल की बैठक (फोटो: @FinMinIndia)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आज हो रही जीएसटी कौंसिल की अहम बैठक
  • राज्यों को राजस्व बंटवारा भी है प्रमुख मसला

वस्तु एवं सेवा कर (GST) कौंसिल की 43वीं बैठक आज यानी शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुरू हो गई. यह बैठक करीब 8 महीने बाद हो रही है. इसमें कोविड वैक्सीन, कोविड संबंधी दवाओं, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, पीपीई किट जैसे जरूरी मेडिकल डिवाइस पर जीएसी घटाने या खत्म करने जैसे अहम बिंदुओें पर चर्चा होने के आसार हैं. 

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सूत्रों का कहना है कि वैक्सीन पर जीएसटी घटाने की संभावना कम है क्योंकि इसका ज्यादातर उत्पादन केंद्र और राज्य सरकारों के पास जा रहा है. यानी टैक्स सरकारें दे रही हैं, तो इसकी ज्यादा जरूरत नहीं है. लेकिन मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर जैसी आम मरीजों के लिए आवश्यक चीजों पर जीएसटी घटाई जा सकती है. 

हंगामे की आशंका 

इसके अलावा आज एजेंडा काफी हंगामेदार रहने की आशंका है, क्योंकि कई राजनीतिक और आर्थिक वजहों से केंद्र सरकार और विपक्ष शासित राज्यों के बीच मतभेद काफी बढ़ गए हैं. 

कोविड टीके के जीएसटी पर क्या होगा 

कई राजनीतिक दल और हेल्थ एक्सपर्ट इसकी मांग कर रहे हैं कि कोविड टीके पर जीएसटी को घटाया जाए या पूरी तरह से खत्म किया जाए. अभी इस पर 5 फीसदी का जीएसटी लगता है. लेकिन कौंसिल की फिटमेंट कमिटी के सूत्रों ने बताया कि कमेटी ने इसे उपयुक्त  माना है. और कहा है कि वैक्सीन पर 5 फीसदी का जीएसी बनाए रखा जा सकता है.

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इसकी वजह यह है कि एक तो रेट पहले ही सबसे कम है और ज्यादातर टीका केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा खरीदा जा रहा है. सरकारें इसे जनता को फ्री दे रही हैं. 

यह तर्क दिया जा रहा है ​कि वैक्सीन पर यदि जीएसटी हटा दिया जाएगा तो उत्पादक अपना मुनाफा बनाए रखने के लिए इसका दाम बढ़ा देंगे और यह उन लोगों के लिए महंगा हो जाएगा जो निजी अस्पतालों से लगवा रहे हैं. इसकी वजह यह है कि उत्पादों को जीएसटी के बदले इनपुट क्रेडिट मिल जाता है यानी कच्चे माल पर दिया गया टैक्स माफ हो जाता है.  

इन चीजों में GST घटाने की प्रबल संभावना

दूसरी तरफ, कोविड से जुड़े जरूरी मेडिकल उत्पादों पर जीएसटी घटाने की प्रबल संभावना दिख रही है. विपक्षी शासित राज्य इसके लिए दबाव बना सकते हैं. हालांकि इंडिया टुडे-आजतक को सूत्रों से यह पता चला है कि सिर्फ मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर , कोविड टेस्टिंग किट आदि पर सीमित अवधि के लिए ही जीएसटी घटाया जा सकता है. कोविड की दवाओं, पीपीई किट, एनN95 मास्क, हैंड सैनिटाइजर, थर्मामीटर आदि पर जीएसटी घटाने की संभावना बहुत कम है.

क्या हो सकते हैं बदलाव 

वस्तु मौजूदा जीएसटी प्रस्तावित जीएसटी रेट
मेडिकल ऑक्सीजन 12%   5%,  31 जुलाई तक 

ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर

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12%   5%,  31 जुलाई तक 
पल्स ऑक्सीमीटर 12% 5%,  31 जुलाई तक 
कोविड टेस्ट किट 12% 5%,  31 जुलाई तक 

पीपीई किट, N95/3 लेयर मास्क  
5%    कोई बदलाव नहीं 
वेंटिलेटर 12% कोई बदलाव नहीं 
दवाएं 5 से 12% स्वास्थ्य मंत्रालय की  सिफारिश के अनुसार 

 

 

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