टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और दिग्गज कारोबारी साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के निधन के बाद लोग उनसे जुड़े किस्से और उनके कारोबारी फैसले को याद कर रहे हैं. 54 वर्षीय साइरस मिस्त्री उस वक्त सुर्खियों में छाए, जब टाटा समूह (Tata Group) ने उन्हें अपना चेयरमैन बनाने का ऐलान किया. टाटा ग्रुप के 100 साल के अधिक के इतिहास में साइरस मिस्त्री दूसरे ऐसे शख्स थे, जो 'टाटा' सरनेम के बिना इस समूह के चेयरमैन बने थे.
करीब चार साल तक इस ग्रुप की कमान संभालने के बाद उन्हें अचनाक चेयरमैन के पद से हटा दिया गया. फिर चेयरमैन पद से हटाए जाने के तौर-तरीके के खिलाफ साइरस मिस्त्री NCLT चले गए. इस घटना की वजह से वो लगातार सुर्खियों में बने रहे और इसी दौरान देश की आम जनता ने उनके बारे में सुना और उन्हें पहचाना.
सिंपल थी लाइफ स्टाइल
साइरस मिस्त्री के करीबी बताते हैं कि उनकी लाइफ स्टाइल बेहद ही सिंपल थी. शांत और सादगी पसंद साइरस मिस्त्री हमेशा चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ नजर आते थे. मिस्त्री की सादगी को याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर हो रही है, जिसमें वो एक ढाबे पर खाना खाते हुए नजर आ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो साइरस मिस्त्री की ये तस्वीर करीब छह साल पुरानी है.
खाट पर बैठकर खाया खाना
दरअसल, ढाबे पर खाना खाने वाली तस्वीर उस वक्त की है, जब साइरस मिस्त्री टाटा संस के चेयरमैन थे. एक दिन किसी काम के सिलसिले वो कहीं जा रहे थे. इस दौरान जब उन्हें भूख लगी, तो वो सड़क किनारे एक ढाबे पर खाने के लिए रूक गए. फिर वहां पड़ी खटिया पर बैठकर खाना मंगाया और खाया. मिस्त्री के साथ तब केवल उनका ड्राइवर था. लेकिन इसी दौरान न जाने फोटोग्राफर फनी महतो की नजर मिस्त्री पर कैसे पड़ गई और उन्होंने एक फोटो खींचकर ट्वीट कर दिया. तब दुनिया को सबसे औद्योगिक घराने 'टाटा ग्रुप' के चेयरमैन की सादगी का पता चला.
साइरस मिस्त्री पर खत्म हुई थी 18 महीने की तलाश
साइरस मिस्त्री का परिवार देश में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी में से एक शापूर पालोनजी ग्रुप को चलाता है. साइरस मिस्त्री ने 2006 में टाटा संस के बोर्ड में शामिल हुए थे और 2012 में वो टाटा संस के चेयरमैन बने थे. वह ग्रुप के छठे चेयरमैन थे. उनके कंधों पर रतन टाटा की विरासत का भार था, क्योंकि रतन टाटा के रिटायर होने के बाद 18 महीने की तलाश चली और फिर उनके कंधे पर टाटा की जिम्मेदारी आई थी. लेकिन आंतरिक खींचतान के बाद 2016 में साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था.
परिवार के बिजनेस की थी शुरुआत
साइरस मिस्त्री ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के कैथेड्रन एंड जॉन कैनन स्कूल से की. उसके बाद वो लंदन चले गए और यहां इंपीरियल कॉलेज लंदन से सिविल इंजीनियरिंग और लंदन बिजनेस स्कूल से मैनेजमैंट की पढ़ाई की थी. इसके बाद जब वापस भारत लौटे तो उन्होंने अपने परिवार के पलोनजी ग्रुप में 1991 में काम करना शुरू कर दिया. 1994 में उन्हें शापूरजी पलोनजी ग्रुप में डायरेक्टर बनाया गया था.