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टाटा संस (Tata Sons) के पूर्व चेयरमैन और दिग्गज कारोबारी साइरस मिस्त्री का आज दोपहर एक सड़क हादसे में निधन (Cyrus Mistry Death) हो गया. मुंबई के पास पालघर जिले में उनकी मर्सिडीज कार सड़क के किनारे डिवाइडर से टकरा गई. साइरस मिस्त्री अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे और उनके साथ कार में कुल चार लोग सवार थे. इनमें से साइरस मिस्त्री समेत दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. हादसा मुंबई-अहमदाबाद नेशनल हाइवे पर हुआ.
दोपहर में हुआ हादसा
स्थानीय पुलिस अधिकारी के अनुसार, साइरस मिस्त्री की मर्सिडीज कार उस वक्त डिवाइडर से टकरा गई, जब वो अहमदाबाद से मुंबई की तरफ जा रहे थे. हादसा चरोटी के पास सूर्या नदी पर बने पुल पर दोपहर करीब 3.15 के बजे हुआ.
कितने लोग थे सवार?
साइरस मिस्त्री के साथ थे कार में जहांगीर दिनशॉ पंडोल, अनाहिता पंडोल, डेरियस पंडोल सवार थे. इनमें से साइरस मिस्त्री और जहांगीर पंडोल का निधन हो गया है. इस हादसे में चालक समेत दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. उन्हें शुरुआती इलाज के लिए कासा के एक ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन पुलिस ने बताया कि घायलों को आगे के इलाज के लिए गुजरात के वापी के रैम्बो अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है.
कौन चला रहा था कार?
बताया जा रहा है कि अनाहिता पंडोले कार चला रही थीं. अनाहिता पंडोले स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और जहांगीर पंडोले की पत्नी हैं. डॉ अनाहिता कार चला रही थीं. इस हादसे में वह घायल हुई हैं. उन्हें अब मुंबई लाया जा रहा है और ब्रीच कैंडी में भर्ती कराया जाएगा. पालघर पुलिस सूत्र के अनुनसार, हादसे को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे ड्राइवर ने कार पर से नियंत्रण खो दिया था.
कहां से लौट रहे थे साइरस मिस्त्री?
अस्पताल पर पहुंचे पारसी समुदाय के लोगों का कहना है पारसी समुदाय के धर्म गुरु आज नवसारी के पास उदवाडा आए थे. यहां पर पारसी धर्म स्थान है. साइरस मिस्त्री उनके दर्शन के लिए उदवाडा गए थे और वहां से मुंबई लौटते वक्त उनकी कार हादसे का शिकार हो गई. साइरस मिस्त्री का पार्थिव शरीर कासा के एक सरकारी अस्पताल में रखा गया है.
2012 में बने टाटा संस के चेयरमैन
Tata Group के 100 से साल से अधिक के इतिहास में साइरस मिस्त्री दूसरे ऐसे शख्स थे, जिनका सरनेम 'टाटा' नहीं था और फिर वो ग्रुप चेयरमैन बने थे. कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखने वाले साइरस मिस्त्री साल 2012 में टाटा संस के चेयरमैन बने थे. करीब 4 साल तक देश के सबसे बड़े कारोबारी ग्रुप के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्हें इस पद से अचानक से हटा दिया गया था.