दिग्गज फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डीज ने दुनिया के अपने सभी कारखानों का काम रोक दिया है. कंपनी पर साइबर अटैक और कई सर्वर के डेटा तक बाहरी लोगों की पहुंच हो जाने की आशंका में काम रोका गया है. कंपनी का कहना कि अगले 24 घंटे में कामकाज शुरू हो सकता है.
कुछ दिनों पहले ही डॉ. रेड्डीज को भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर जनरल से कोविड-19 के लिए रूसी टीके के भारत में दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की इजाजत मिली है. इस साइबर अटैक की खबर आने के बाद बीएसई पर डॉ. Dr Reddy's के शेयर करीब 4 फीसदी टूटकर 4832 रुपये पर पहुंच गये. हालांकि बाद में यह थोड़े संभले. दोपहर 1.30 बजे तक कंपनी के शेयर 4985 के आसपास कारोबार कर रहे थे.
डेटा सेंटर को आइसोलेट किया गया
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानकारी में बताया है कि साइबर हमले को देखते हुए उसने अपने सभी डेटा सेंटर को आइसोलेट कर दिया है. Dr Reddy's के भारत, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और ब्राजील में कारखाने हैं. खबर के मुताबिक यह साइबर हमला भारतीय समयानुसार कल यानी बुधवार की रात करीब 2.30 बजे हुआ.
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डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के CIO मुकेश राठी ने कहा, 'एक साइबर अटैक का पता लग जाने की वजह से हमने जरूरी बचाव कार्रवाई के तहत सभी डेटा सेंटर को आइसोलेट कर दिया है. हमें उम्मीद है कि अगले 24 घंटे में सभी सेवाएं शुरू हो जाएंगी. इस घटना से हमारे कामकाज पर ज्यादा असर की आशंका नहीं है.'
रूस में बने कोविड-19 टीके के ट्रायल की मिली है इजाजत
डॉ. रेड्डीज और आरडीआईएफ (RDIF) को भारत में स्पुतनिक V वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति कुछ दिनों पहले ही मिली है.
हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड के मुख्यायल और रूसी नियंत्रण वाले रूसी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) को ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से भारत में स्पुतनिक V वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है.
इससे पहले पिछले महीने सितंबर में डॉ. रेड्डीज और आरडीआईएफ ने स्पुतनिक V वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल और भारत में इसके वितरण को लेकर साझेदारी की थी. साझेदारी के हिस्से के रूप में, आरडीआईएफ भारत में डॉ. रेड्डीज को विनियामक अनुमोदन पर वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगा.