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नहीं मिल रहे कर्ज में डूबी एअर इंडिया के खरीदार, चौथी बार बोली की तारीख बढ़ी

कोरोना संकट को देखते हुए एक बार फिर बोली की समय-सीमा को बढ़ा दिया गया है. क्योंकि अभी तक एअर इंडिया की हिस्सेदारी खरीदने के लिए किसी ने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है.

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एअर इंडिया का विनिवेश
एअर इंडिया का विनिवेश
स्टोरी हाइलाइट्स
  • विनिवेश के लिए बोली की अंतिम तारीख 30 अक्टूबर
  • एअर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
  • मैनेजमेंट कंट्रोल भी बोली जीतने वाली कंपनी को मिल जाएगा

कर्ज में डूबी एअर इंडिया के विनिवेश के लिए बोली मंगाने की डेडलाइन को एक बार फिर से बढ़ा दिया गया है. चौथी बार ऐसा हुआ है जब सरकार ने समय-सीमा बढ़ाने का फैसला लिया है. अब विनिवेश के लिए बोली की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 अक्टूबर कर दी गई है. इससे पहले 31 अगस्त तक की तारीख तय की गई थी.

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दरअसल कोरोना संकट को देखते हुए एक बार फिर समय-सीमा को बढ़ा दिया गया है. क्योंकि अभी तक एअर इंडिया की हिस्सेदारी खरीदने के लिए किसी ने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है. सरकार को उम्मीद है कि अगले दो महीनों में एअर इंडिया का विनिवेश हो जाएगा. 

सरकार ने घाटे में चल रही एअर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए पहली बार 27 जनवरी को सूचना का ज्ञापन जारी किया था और 17 मार्च तक बोलियां मांगी गई थीं. सरकार के मुताबिक एअर इंडिया एक्सप्रेस की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी. इसके अलावा एअर इंडिया और SATS की जॉइंट वेंचर कंपनी AISATS में एअर इंडिया की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी. एअर इंडिया का मैनेजमेंट कंट्रोल भी बोली जीतने वाली कंपनी को मिल जाएगा.

बता दें कि वित्त वर्ष 2018-19 में एअर इंडिया को 8,556 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. इसी साल 7 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने एक मंत्री समूह (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) ने निजीकरण से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.

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