scorecardresearch
 

अब दीपक पारेख ने HDFC ग्रुप की इस कंपनी में चेयरमैन पद छोड़ा, जानिए किसे मिली जिम्मेदारी

दीपक पारेख के इस्‍तीफे के बाद मिस्त्री को इस पद पर नियुक्‍त किया गया है. मिस्‍त्री दिसंबर 2000 से कंपनी से जुड़े हुए हैं और मौजूदा समय में नॉन एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर के रूप में कार्य कर रहे हैं. वह एक योग्‍य चार्टर्ड अकाउंटेंट और इंस्‍टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के सदस्‍य हैं.

Advertisement
X
दीपक पारेख
दीपक पारेख

HDFC लाइफ इंश्‍योरेंस चेयरमैन दीपक एस पारेख (Deepak Parekh) ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. इस इस्‍तीफे के बाद कंपनी के बोर्ड ने केकी एम मिस्‍त्री को बोर्ड का नया चेयमैन बनाया है. कंपनी ने स्‍टॉक एक्‍सचेंज को बताया कि इंश्‍योरेंस रेग्‍युलेटर ओर डेवलपमेंट अथोरिटी की मंजूरी के अधीन तत्‍काल प्रभाव से बोर्ड के अध्‍यक्ष के तौर पर केकी मिस्‍त्री को नियुक्‍त किया गया है. 

Advertisement

मिस्त्री दिसंबर 2000 से कंपनी से जुड़े हुए हैं और मौजूदा समय में नॉन एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर के रूप में कार्य कर रहे हैं. वह एक योग्‍य चार्टर्ड अकाउंटेंट और इंस्‍टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के सदस्‍य हैं. मिस्त्री हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) लिमिटेड के उपाध्यक्ष और CEO थे. अब इन्‍हें बोर्ड के अध्‍यक्ष के तौर पर नियुक्‍त किया गया है. 

पांच साल के लिए इनकी बढ़ी नियुक्ति 
बीमाकर्ता ने यह भी कहा कि वीके विश्वनाथन और प्रसाद चंद्रन 24 अप्रैल, 2024 को पांच-पांच साल के अपने लगातार दो कार्यकाल पूरे करने के बाद कंपनी के स्वतंत्र निदेशक नहीं रहेंगे. साथ ही 5 साल के लिए अतिरिक्‍त स्‍वतंत्र निदेशक के तौर पर वेंकटरमन श्रीनिवासन की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है. 

फाइलिंग में और क्‍या दी जानकारी 
एक्‍सचेंज फाइलिंग में कहा गया कि HDFC लिमिटेड के HDFC बैंक के साथ विलय के साथ मिस्त्री एचडीएफसी लिमिटेड से रिटायर हो गए और उन्हें एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के बोर्ड में एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है. वह कई अन्य प्रमुख कंपनियों के बोर्ड में भी निदेशक हैं. 

Advertisement

HDFC में कभी 1 फीसदी से ज्‍यादा नहीं रही हिस्‍सेदारी
दीपक पारेख के पास HDFC में कभी एक फीसदी से ज्‍यादा हिस्‍सेदारी नहीं रही. एक कर्मचारी से लेकर अध्‍यक्ष तक उन्‍हें जो जिम्‍मेदारी मिली, उन्‍होंने निभाया. एचडीएफसी शुरू करने वाले दीपक पारेख (Deepak Parekh) और उनके चाचा के पास कभी भी एचडीएफसी में एक बड़ी हिस्‍सेदारी नहीं रही. लंदन की नौकरी छोड़कर दीपक पारेख ने अपने चाचा हंसमुख ठाकोरदास के साथ मिलकर एचडीएफसी की शुरुआत 1977 में किया था और आज ये देश का बड़ा बैंक है. 

Live TV

Advertisement
Advertisement