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Dhirubhai Ambani Birthday: पेट्रोल पंप पर 300 रुपये की नौकरी, फिर इस आइडिया से धीरूभाई अंबानी की बदल गई जिंदगी!

देश की सबसे वैल्‍यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्‍ट्रीज (Reliance Industries) का कारोबार आज कई सेक्‍टर्स में फैला हुआ है. इस कंपनी की नींव रखने वाले धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) की आज जयंती है.

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Dhirubhai Ambani
Dhirubhai Ambani

देश की सबसे वैल्‍यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्‍ट्रीज (Reliance Industries) का कारोबार आज कई सेक्‍टर्स में फैला हुआ है. यह कंपनी ऑयल एंड गैस से लेकर ग्रीन एनर्जी (Green Energy) तक कारोबार कर रही है. मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के पिता धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) ने इस कंपनी की स्‍थापना की थी. 28 दिसंबर 2023 यानी आज उनकी जयंती है. धीरूभाई अंबानी के पेट्रोल पम्‍प पर नौकरी से लेकर कारोबार में उतरने और एक बड़ा बिजनेस एम्‍पायर खड़ा करने की जर्नी फिल्‍मी रही है.

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धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) का जन्म 28 दिसंबर 1932 को सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले में हुआ था. उनके पिता एक टीचर थे, जिनके घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. ऐसे में घर को फाइनेंशियली हेल्प करने के लिए उन्होंने 10वीं की पढ़ाई के बाद ही छोटे-मोटे काम करके पैसे जुटाना शुरू कर दिया था, लेकिन उनकी शुरुआती कमाई नाकाफी थी. 

पेट्रोल पम्‍प पर की नौकरी 
जब पढ़ाई में मन नहीं लगा तो महज 17 साल की उम्र में वे पैसे कमाने के लिए साल 1949 में वे देश के बाहर चले गए. धीरूभाई अपने भाई रमणिकलाल के पास यमन चले गए थे, जहां उन्होंने एक पेट्रोल पंप पर नौकरी कर ली. यहां उन्हें 300 रुपये महीने की तनख्‍वाह मिलती थी. उनके काम से खुश होकर कंपनी ने इन्‍हें पेट्रोल पम्‍प का मैनेजर बना दिया. 

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सिर्फ 500 रुपये लेकर निकले मुंबई 
पेट्रोल पम्‍प पर काम करने के दौरान ही धीरूभाई ने कुछ बड़ा करने के बारे में सोचा. इसके ठीक पांच साल बाद ही वे साल 1954 में भारत वापस लौट आए. कुछ दिन तक ये घर पर ही रहे और बाद में सिर्फ 500 रुपये लेकर मुंबई चले गए. मुंबई में उन्‍होंने हर मार्केट का दौरा किया. अबतक उन्‍हें समझ आ गया था कि भारत में पेट्रोलियम की डिमांड है और विदेश में भारतीय मसालों का. इसके बाद उन्‍होंने इसी सेक्‍टर में शुरुआत की. 

रिलायंस कंपनी की हुई शुरुआत 
8 मई 1973 को धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस कॉमर्स कॉरपोरेशन के नाम से एक बिजनेस की शुरुआत की. इसके जरिए भारत के मसाले विदेशों में और विदेश का पोलिस्‍टर भारत में बेचा जाने लगा. एक बार जब कारोबार बढ़ा तो धीरूभाई अंबानी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. जब इस कंपनी की शुरुआत हुई तो  350 वर्ग फुट के ऑफिस (कमरे) में एक मेज, तीन कुर्सी, दो सहयोगी और एक टेलिफोन ही था और दिन में वे लोग 10 घंटे तक ही काम करते थे. बिजनेस इतना तेजी से बढ़ा कि 2000 में ये देश के सबसे रईस आदमी बन गए. 

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