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पहले डायमंड किंग, फिर स्कैम किंग... पालनपुर से डोमिनिका तक मेहुल चोकसी की पूरी कहानी

नीरव मोदी के मामा मेहुल मेहुल चोकसी के जीवन की इस कहानी में कई दिलचस्प पहलू हैं. उसका गीतांजलि ग्रुप अपने चरम दिनों में दुनिया के सबसे बड़े ब्रैंडेड ज्वैलरी रिटेलर्स में शामिल हो गया था और भारत के संगठित ज्वैलरी बाजार में इसकी हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा हो गई थी.

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भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी (फाइल फोटो: Getty Images)
भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी (फाइल फोटो: Getty Images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दुनिया का प्रमुख ज्वैलरी कारोबारी बन गया था मेहुल
  • PNB घोटाले के खुलासे के पहले हुआ था फरार
  • पहले ही ले ली थी एंटीगुआ की नागरिकता

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी क्यूबा भागते वक्त रास्ते में ही डोमिनिका में पकड़ा गया है. एक 'डायमंड किंग' कहे जाने वाले कारोबारी से 'स्कैम किंग' बन जाने तक की नीरव मोदी के मामा मेहुल की इस कहानी में कई दिलचस्प पहलू हैं. 

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गुजरात के पालनपुर से स्टडी करने के बाद कारोबार में अपनी तकदीर आजमाने वाला मेहुल चोकसी 14 हजार करोड़ से ज्यादा के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का मुख्य आरोपी है. 

मेहुल चोकसी 23 मई की शाम को एंटीगुआ स्थित अपने घर से गायब हो गया था. उसके बाद उसके लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी. भारत सरकार एंटीगुआ प्रशासन पर दबाव बना रही है कि वो भारत के भगोड़े को वापस लौटाए. मेहुल इसका विरोध करता रहा है. मेहुल चोकसी को सरकारी एजेंसियों और अदालत की तरफ से कई बार समन भेजा जा चुका है. लेकिन उसने हर बार आने से मना कर दिया.

चोकसी तरह-तरह के बहाने बनाता रहा है. मसलन, वो कहता है कि अगर वो भारत आएगा तो उसे भीड़ मार सकती है. वो ये भी कहता है कि वो बीमार है. इलाज कराने एंटिगुआ आया है. वो भागा नहीं है. बीमार होने की वजह से प्लेन में लंबा सफर नहीं कर सकता. एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन एक बार मेहुल को भारत भेजने का ऐलान कर चुके हैं. 2019 में गैस्टन ब्राउन ने कहा था कि जब उसके पास कोई भी कानूनी ऑप्शन नहीं बचेगा तो उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा.

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शानदार थी जीवन शैली 

मेहुल चोकसी का जन्म 5 मई 1959 को मुंबई में हुआ था. वह एक शाकाहारी जैन परिवार से है. उसने गुजरात के पालनपुर में स्थित जीडी मोदी कॉलेज में कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया था. उसने साल 1975 में जेम्स एवं ज्वैलरी सेक्टर में अपने करियर की शुरुआत की और साल 1985 में अपने पिता से गीतांजलि जेम्स के कारोबार की लीडरशिप हासिल की. उसके तीन संतान हैं, एक बेटा और दो ​बेटियां. 

मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार मेहुच चोकसी को अक्सर मुंबई के ग्रैंड हयात होटल के इटालियन रेस्टोरेंट में देखा जाता था. वह अक्सर अपने विभिन्न इवेंट में अपने उन 26 फिल्म स्टार्स में से किसी न किसी के साथ फोटो खिंचवाता रहता था, जो उसकी ज्वैलरी ब्रैंड का एंडोर्समेंट करते थे. उसे काले रंग की मर्सेडीज ई-क्लास कारें पसंद हैं. अमेरिका का सैन फ्रांसिस्को उसका पसंदीदा शहर है. 

उसने अपने कारोबार से करीब 70 ब्रैंड डेवलप किए थे, जिनमें से 20-30 तो काफी मशहूर हो गए थे. नक्षत्र, डी डमास  (D’damas)  गिल्ली, Asmi, गोल्ड एक्सप्रेशंस, विवाह गोल्ड, Sangini, Maya, Giantti, World of Solitaire जैसे सारे मशहूर ब्रैंड गीतांजलि से ही जुड़े थे. गीतांजलि के शंघाई और बीजिंग जैसे चीन के शहरों में भी 20 से ज्यादा स्टोर थे. 

Mehul Choksi (File Photo: Getty Images)

गीतांजलि ग्रुप अपने चरम दिनों में दुनिया के सबसे बड़े ब्रैंडेड ज्वैलरी रिटेलर्स में शामिल हो गया था. यह अपने करीब 4,000 शोरूम के द्वारा ज्वैलरी कारोबार करता था और भारत के संगठित ज्वैलरी बाजार में इसकी हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा हो गई थी. मेहुल चोकसी इस ग्रुप का चेयरमैन है. गीतांजलि जेम्स बीएसई और एनएसई में लिस्टेड थी. इसका सालाना 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार था. लेकिन अब कारोबार बंद है. 

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चोकसी न सिर्फ नीरव मोदी का मामा है, बल्कि वह ऐसी तीन कंपनियों में नीरव का साझेदार भी है, जिनकी कई मामलों में एजेंसियों के द्वारा जांच की जा रही है. मेहुल चोकसी ने हैदराबाद में एक स्पेशल इकोनॉमिक जोन भी डेवलप किया था. 

दुनियाभर में घूमने का शौक 

उसके बिजनेस में ब्रैंडिंग और वैल्यू चेन पर खास जोर था. उसने ब्रोकर्स, मिडलमैन, फैक्टरी, होलसेलर जैसे सारी बीच की कड़ी को खत्म करते हुए सीधे अपने शोरूम से बिक्री का मॉडल शुरू किया और इस तरह मुनाफ में काफी बढ़ोतरी की. उसने कई यूरोपीय ब्रैंड से टाइअप किया और उनको भारत में अपना कारोबार फैलाने में मदद की. 

मेहुल चोकसी दुनिया भर में यात्राएं बहुत करता था. वह अक्सर वीकेंड में वेनिस, फ्लोरेंस या पेरिस में दिखता था. अगर वह वीकेंड पर मुंबई में होता तो समुद्र में अपने याट (yacht) में बैठकर एंजॉय करता. 

क्या था पीएनबी घोटाला 

मेहुल चोकसी और उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स पर यह आरोप है कि उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला किया. उन्होंने फर्जी तरीके से बार-बार बैंक से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) हासिल की और फॉरेन लेटर ऑफ  क्रेडिट में बढ़त भी कराते रहे. इसकी वजह से बैंक को 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ.  

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इसके तहत पीएनबी के दो अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग हासिल की गई. यह अंडरटेकिंग इंडियन बैेक के नाम था. यह अंडरटेकिंग एक तरह से पीएनबी द्वारा दी जाने वाली गारंटी थी. इस अंडरटेकिंग का मतलब इतनी राशि का कर्ज देना था जिसका इस्तेमाल एक साल के लिए मोतियों के आयात के लिए किया जाना था. इसमें भी रिजर्व बैंक के नियम का उल्लंघन किया गया, क्योंंकि नियम के मुताबिक इस एलओयू का इस्तेमाल​ सिर्फ तीन महीने तक के आयात के लिए किया जा सकता था. यह एलओयू ब्रिटिश आइलैंड और कई अन्य देशों की की फर्जी कंपनियों के नाम जारी किए जा रहे थे.

मार्च 2018 में एक स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया. इस सिलसिले में पंजाब नेशनल बैंक के 6 और चोकसी एवं नीरव की कंपनियों के छह अधिकारी-कर्मचारी भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. चोकसी को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित कर दिया है. उस पर मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. 

केंद्रीय जांच एजेंसिया अब तक प्रारंभिक रूप से मेहुल चोकसी के 15 फ्लैट, मुंबई में 17 ऑफिस, कोलकाता में एक मॉल, मुंबई के अलीबाग में चार एकड़ का फार्म हाउस, महाराष्ट्र के नासिक, नागपुर और पनवेल तथा तमिलनाडु के विल्लुपुरम में कुल मिलाकर 231 एकड़ जमीन  को कुर्क कर चुकी हैं. 

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इसी साल फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने (ED) ने गीतांजलि ग्रुप और उसके डायरेक्टर मेहुल चोकसी की 14.45 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी कुर्क की थी. इनमें मुंबई के गोरेगांव में 1460 वर्ग फुट का एक फ्लैट के अलावा गोल्ड, प्लेटिनम की ज्वैलरी, डायमंड, स्टोन्स, पर्ल-सिल्वर नेकलेस, ​घड़ियां, मर्सेडीज बेंज कार आदि शामिल थे. ईडी इसके पहले भी उनकी 2,550 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुका था. 

मेहुल के साथ भारतीय बैंकों के साथ इस धोखाधड़ी में शामिल नीरव मोदी इन दिनों लंदन की जेल में है. उसके भारत प्रत्यर्पण का मुकदमा चल रहा है. मेहुल चोकसी और नीरव मोदी दोनों हीरा का कारोबार करते थे. मेहुल साल 2018 से ही कै​रेबियाई द्वीपसमूह के एंटीगुआ में था और केंद्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशायल जैसी एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी हुई हैं. 

PNB (File Photo)

कैसे हुआ खुलासा 

सबसे पहले पंजाब नेशनल बैंक ने 29 जनवरी, 2018 को सीबीआई में FIR दर्ज कर खुलासा किया कि उसके कुछ अधिकारियों ने 16 जनवरी को 280.7 करोड़ रुपये के फर्जी LoU जारी किए हैं. हालांकि बाद में जब परतें खुलती गईं तो पता चला कि यह घोटाला तो 14 हजार करोड़ से भी ज्यादा रकम का है. 

सोची-समझी योजना थी एंटीगुआ जाना 

मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी ने मार्च 2017 से मई 2017 के बीच पंजाब नेशनल बैंक से रकम निकाली थी. पीएनबी से करीब 14,000 करोड़ का कर्ज मिल जाने के बाद मेहुल ने मई 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता के लिए आवेदन कर दिया. 4 जनवरी 2018 को वह दुबई के लिए निकल गया और वहां से एंटीगुआ पहुंचा, जहां से उसने 15 जनवरी, 2018 को ओथ ऑफ अलायंस (नागरिकता के लिए शपथ) ली. 

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कैसे बना था नागरिक 

एंटिगुआ वेस्टइंडीज के द्वीप समूहों में से एक द्वीप है. इस कैरेबियन द्वीप में कोई भी मोटा पैसा देकर नागरिकता हासिल कर सकता है. एंटीगुआ के कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति उसके नेशनल डेवपलमेंट इनवेस्टमेंट फंड में एक लाख डॉलर का निवेश करता है तो उसे एंटीगुआ की नागरिकता दी जा सकती है. मेहुल चोकसी ने इसी का फायदा उठाया था. उसने यह कहा था कि वह कैरेबियाई देश में अपने कारोबार का विस्तार करना चाहता है और इसी वजह से उसे 130 से ज्यादा देशों में बिना वीजा यात्रा करने की सुविधा मिल गई थी. 

Mehul Choksi (File Photo: Getty Images)

क्यों असंभव जैसा लग रहा था प्रत्यर्पण 

असल में चोकसी एंटीगुआ और बारबुडा का नागरिक बन चुका है और वहां के प्रत्यर्पण एक्ट 1993 की धारा 5 के तहत किसी नागरिक का भारत में प्रत्यर्पण नहीं हो सकता. इसकी वजह से एंटीगुआ से उसका प्रत्यर्पण लगभग असंभव दिख रहा था. इसकी वजह वहां का कानून है. अगर वह यह साबित कर देता कि उस पर राजनीतिक बदले के तहत कार्रवाई की जा रही है, तो उसे भारत लाना संभव नहीं होता. dailyo.in की एक रिपोर्ट के अनुसार चोकसी के वकील Dr David Dorsett ने ऐसी कोशिश भी की थी. उसने यह बयान दिया था कि चोकसी के भारत के विपक्षी दल कांग्रेस से रिश्ते हैं. उसके इस जाल में सत्तारूढ बीजेपी फंसती भी दिख रही थी, ​जब उसके नेताओं ने वकील के बयान के बाद कांग्रेस पर हमला करने वाले बयान दिए. 

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