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इस दिवाली दीयों में आम जनता कैसे भरेगी महंगा सरसों तेल? हर तरफ से उठे सवाल

Diwali costly mustard oil: इस बार दिवाली पर रसोई गैस से लेकर राशन, सब्जी तक सब कुछ महंगा है. सबसे ज्यादा परेशान कर रहा है सरसों के तेल का रेट, जो 200 रुपये लीटर के आसपास पहुंच गया है.

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सरसों का तेल काफी महंगा हो गया है (फाइल फोटो)
सरसों का तेल काफी महंगा हो गया है (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सरसों का तेल काफी महंंगा बिक रहा
  • गरीबों की दिवाली हो सकती है फीकी

Diwali costly mustard oil: इस बार दिवाली पर आम जनता को महंगाई की चौतरफा मार झेलनी पड़ रही है. रसोई गैस से लेकर राशन, सब्जी, पेट्रोल-डीजल तक सब कुछ महंगा है. सबसे ज्यादा परेशान कर रहा है सरसों के तेल का रेट, जो खुदरा बाजार में 180 से 200 रुपये लीटर तक चल रहा है. कई लोगों ने तो सोशल मीडिया पर कुछ ब्रांडेड सरसों तेल के पैक शेयर किए हैं जिनमें रेट 265 रुपये लीटर तक दिख रहा है.  

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गौरतलब है कि सरसों का तेल दिवाली के लिए काफी जरूरी होता है, क्योंकि इस दिन हर हिंदू परिवार में सरसों के तेल से भरे दिए जलाए जाते हैं. लेकिन इसकी महंगाई गरीब और मध्यम वर्ग के लिए दिवाली को फीका कर सकती है. 

लालू प्रसाद यादव का ट्वीट 

इसे लेकर सोशल मीडिया से लेकर विपक्षी दल तक हर जगह सवाल उठाए जा रहे हैं. सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी एक ट्विटर-फेसबुक पोस्ट में सरसों के तेल की महंगाई को लेकर सवाल उठाए हैं. 

लालू प्रसाद ने कहा, 'सरसों के तेल का क्या भाव है? क्या आप इससे खुश है?' इसके साथ ही उन्होंने लिखा है, 'रुकिए, तीन काले कृषि कानूनों का विपरीत प्रभाव अभी दो-चार वर्षों बाद और अधिक समझ में आएगा.'

गौरतलब है कि सरसों का तेल गली-मुहल्ले की दुकानों से लेकर ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर तक सब जगह 180 से 200 रुपये आसपास है. फ्लिपकार्ट के ग्रॉसरी स्टोर पर कच्ची घानी सरसों तेल 200 रुपये से 215 रुपये तक प्रति लीटर बिक रहा है. समाजवादी पार्टी मीडिया के ट्विटर अकाउंट पर भी इस पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि खाने से लेकर सब्जी तक सब महंगा है.  

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अब पकौड़े तलना भी मुश्किल!

मनीष मिश्रा नाम के एक ट्विटर यूजर लिखते हैंं, 'दो हजार का सिलिंडर, ढाई सौ का सरसों का तेल, साठ रुपये किलो प्याज, पकौड़े तलेंगे तो खुद ही तल जाएंगे युवा.' 

सरकार के कदमों का खास असर नहीं! 

सरकार ने पिछले एक साल में सरसों के तेल के दाम पर अंकुश के लिए कई कदम उठाए हैं. लेकिन सरसों तेल रेट देखकर लगता तो नहीं कि इन कदमों का कोई खास असर हुआ है. 

केंद्र सरकार ने कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर लगने वाला आयात शुल्क को 6 महीने के लिए खत्म कर दिया है. क्रूड पाम ऑयल पर लगने वाला एग्री सेस को 20 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया है. जबकि क्रूड सोया और सनफ्लावर पर सेस 5 फीसदी कर दिया गया है. सरकार ने एनसीडीईएक्स में सरसों तेल और तिलहन के वायदा कारोबार को भी निलंबित कर दिया है. 

 

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