दुनिया के सबसे बड़े और कड़े लॉकडाउन के बाद भारत की अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है. ऐसे में वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज का अनुमान है कि 2021-22 में घरेलू अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 13.7% तक जा सकती है. और क्या-क्या अनुमान जताए हैं मूडीज ने, जानें यहां...
बढ़ाया आर्थिक वृद्धि का अनुमान
मूडीज ने पहले 2021-22 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 10.08% रहने का अनुमान जताया था, लेकिन फरवरी 2021 में उसने इसे संशोधित करते हुए कहा है कि अब अगले वित्त वर्ष में घरेलू अर्थव्यवस्था 13.7% की वृद्धि दर हासिल कर सकती है.
चालू वित्त वर्ष में 7% रहेगी गिरावट!
मूडीज ने सिर्फ अगले वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर के आंकड़े नहीं बदले हैं. बल्कि उसका कहना है कि चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 7% सिकुड़ेगी. हालांकि अपने पुराने अनुमानों में उसने इस अवधि में देश की जीडीपी 10.6% सिकुड़ने की बात कही थी.
दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन से बाहर आई इकोनॉमी
मूडीज ने अपने ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2021-22’ के फरवरी संस्करण में कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत ने दुनिया के सबसे बड़े और कड़े लॉकडाउन का सामना किया. इस वजह से 2020 की दूसरी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में सबसे तेज गिरावट देखी गई. हालांकि अब अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है. 2020 के अंत तक अधिकतर आर्थिक गतिविधियों ने कोरोना महामारी से पूर्व के स्तर को प्राप्त कर लिया.
कल आएंगे जीडीपी के सरकारी आंकड़े
सरकार कल चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़ों को जारी करेगी. अधिकतर रेटिंग एजेंसियों का तीसरी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धिदर के रिकॉर्ड पॉजिटिव जोन में रहने का अनुमान है. DBS Bank ने अपनी हालिया रिपोर्ट में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर पॉजिटिव जोन में 1.3% रहने का अनुमान जताया है.
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