महंगाई (Inflation) कम होने के संकेत भर से ही गुरुवार को अमेरिकी बाजार (US Market) में जोरदार तेजी देखने को मिली. 30 कंपनियों वाले अमेरिकी इंडेक्स Dow Jones में 3 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का Nasdaq 6 फीसदी और S&P में 4 फीसदी का उछाल देखने को मिला. अमेरिकी सरकार की तरफ से जारी आंकड़े में अक्टूबर के महीने में महंगाई दर में गिरावट आई है. इस वजह से बीते दिन अमेरिकी बाजार ने जोरदार छलांग लगाई है. अमेरिका से आए इस पॉजिटिव संकेत का असर आज भारतीय शेयर मार्केट (Indian Share Market) में भी नजर आ रहा है.
कितनी कम हुई महंगाई?
अमेरिका में अक्टूबर के महीने में महंगाई दर 7.7 फीसदी पर आ गई है. इससे पहले सितंबर महीने में ये 8.2 फीसदी रही थी. कई वर्षों के उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई की वजह से अमेरिकी केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में आक्रमक तरीके से इजाफा करना पड़ा है. अब महंगाई दर में आई गिरावट की वजह से इस बात के अनुमान लगाए जा रहे हैं कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक अपनी ब्याज दरों में इजाफे की गति को धीमी कर सकता है.
भारतीय बाजार में तेजी
गुरुवार को कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली दर्ज की गई थी. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स तेज गिरावट के साथ क्लोज हुए थे. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 400 अंकों से ज्यादा कमजोर हुआ है तो निफ्टी (Nifty) 18050 के नीचे आ गया. लेकिन आज मजबूत नजर आ रहे ग्लोबल संकेतों के बीच भारतीय बाजार ने जोरदार छलांग लगाई है.
बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और (Nifty) दोनों ही हरे निशान में ट्रेड कर रहे हैं. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 827.54 अंक या 1.37 फीसदी बढ़कर 61441.24 पर और निफ्टी 241.00 अंक या 1.34 चढ़कर 18269.20 पर नजर आया.
भारतीय बाजार में थम जाएगी बिकवाली!
अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी सीधे तौर पर भारत को भी प्रभावित करती है. ऐसे में आने वाले समय में अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने की रफ्तार धीमी होती है, तो इसका असर भारत में दिखाई दे सकता है. इन्वेस्टर्स भारतीय शेयर बाजारों (Indian Stock Market) निवेश करने को देखेंगे. इससे घरेलू बाजारों से विदेशी निवेशकों की निकासी में गिरावट आएगी. FII के भारत से बाहर निकलने पर ब्रेक लग सकता है और बाजार की गिरावट थम सकती है.
ब्याज दरों में इजाफे पर लगेगा ब्रेक?
अमेरिकी फेड के लगातार ब्याज दरों में इजाफा करने से भारत के केंद्रीय बैंक RBI पर ब्याज दरों में इजाफा करने का दबाव बढ़ता है. इस वजह से रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है. अगर अमेरिकी फेड इस पर ब्रेक लगाता है, तो भारतीय रिजर्व बैंक भी रेपो रेट में इजाफा करने की रफ्तार को स्लो कर सकता है. हालांकि, भारत में खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक के तय आंकड़े से अधिक बनी हुई है.