बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने लापता डिफॉल्टर्स (Defaulters) से जुर्माना वसूलने के लिए एक नई व्यवस्था की शुरुआत की है. इसके तहत आप घर बैठे कमाई कर सकते हैं. बदले में आपको सेबी को कुछ जानकारियां देनी होंगी. अगर आप सेबी को गायब हो चुके डिफॉल्टर्स की प्रॉपर्टी (Defaulters Property) के बारे में जानकारी देते हैं, तो आपको 20 लाख रुपये तक का इनाम मिल सकता है. सेबी ने इसके लिए नियम बनाए हैं और बताया है कि कैसे किसी को इनाम की राशि प्रदान की जाएगाी.
रिवॉर्ड के रूप में मिलेंगे 20 लाख
सेबी के अनुसार, जानकारी देने वालों को अंतरिम इनाम की राशि संपत्ति के रिजर्व प्राइस के ढाई फीसदी से अधिक नहीं होगी. हालांकि, इस स्टेज में पांच लाख रुपये से अधिक का इनाम नहीं मिलेगा. वहीं, अंतिम स्टेज में 20 लाख रुपये तक या संपत्ति की कीमत के 10 फीसदी के बराबर की राशि इनाम के रूप में मिलेगी. सेबी ने भरोसा दिया है कि डिफॉल्टर या उसकी संपत्ति के बारे में सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. साथ ही नियामक ने यह भी कहा है कि इनाम की राशि तभी मिलेगी, जब दी गई जानकारी सही पाई जाएगी.
डिफॉल्टर्स पर कितना बकाया
इनाम की राशि उन्हें ही मिलेगी, जो ऐसे डिफॉल्टर के बारे में जानकारी देंगे, जिनसे वसूली कर पाना मुश्किल माना जा चुका है. हाल ही में सरकार ने संसद में डिफॉल्टर्स के बारे में जानकारी दी थी. जानबूझकर कर्ज की किस्तें नहीं चुकाने वालों टॉप 50 लोगों के ऊपर बैंकों का 92,570 करोड़ रुपये का बकाया है. ऐसे डिफॉल्टर्स से बैंक वसूली नहीं कर पा रहे हैं. उनके सारे प्रयास असफल साबित हुए हैं. इसके अलावा हाल ही में सेबी ने 9 मोस्ट वांटेड डिफॉल्टर्स की लिस्ट जारी की थी. सेबी ऐसे डिफॉल्टर्स से फाइन वसूली के प्रयासों को तेज कर रही है.
डिफॉल्टर्स सूची में इतने लोग
जिन लोगों से कर्ज की वसूली कर पाना मुश्किल हो जाता है, उन्हें डिफॉल्टर्स की सूची में डाल दिया जाता है. सेबी की लिस्ट में ऐसे डिफॉल्टर्स की संख्या 515 है. यानी इन 515 डिफॉल्टर्स के बारे में जानकारी साझा करने वाले को सेबी 20 लाख रुपये तक का रिवार्ड देगी. इस तरह सभी के पास घर बैठे पैसे कमाने का सुनहरा मौका है. बस डिफॉल्टर्स के बारे में सही जानकारी सेबी तक पहुंचानी है.
सेबी रिकवरी और रिफंड विभाग के चीफ जनरल मैनेजर और संबंधित वसूली अधिकारियों को शामिल करते हुए एक रिवार्ड कमेटी का गठन करेगी. 2021-22 की सेबी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, बाजार नियामक ने मार्च 2022 के अंत में 67,228 करोड़ रुपये की बकाया राशि को 'डिफिकल्ट टू रिकवर' (DTR) श्रेणी के तहत अलग किया था.