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Inequality In India: कोरोना संकट के बीच भारत में घट गई 84% परिवारों की आय, बढ़ी अरबपतियों की संख्या

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) के सालाना शिखर सम्मेलन से ठीक पहले जारी हुई Oxfam रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2021 के दौरान अरबपतियों की संख्या साल भर पहले के 102 से बढ़कर 142 हो गई. इन 142 अरबपतियों की कुल दौलत इस दौरान बढ़कर करीब 720 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई. यह देश की 40 फीसदी गरीब आबादी की कुल संपत्ति से ज्यादा है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2021 में तेजी से बढ़ी आर्थिक असमानता
  • अरबपतियों की संख्या बढ़कर 142 हुई
  • 84 फीसदी परिवारों की कम हो गई इनकम

भारत में आर्थिक असमानता (Inequality In India) चिंताजनक तरीके से बढ़ती जा रही है. एक हालिया रिपोर्ट की मानें तो पिछले साल देश में अरबपतियों (Billionaires) की संख्या बढ़कर 142 पर पहुंच गई. इन अरबपतियों के पास देश की 40 फीसदी आबादी से ज्यादा संपत्ति है. वहीं दूसरी ओर 2021 के दौरान 84 फीसदी परिवारों की इनकम कम हो गई.

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एक साल में बढ़ गए 40 अरबपति

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) के सालाना शिखर सम्मेलन से ठीक पहले जारी हुई Oxfam रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2021 के दौरान अरबपतियों की संख्या साल भर पहले के 102 से बढ़कर 142 हो गई. इन 142 अरबपतियों की कुल दौलत इस दौरान बढ़कर करीब 720 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई. यह देश की 40 फीसदी गरीब आबादी की कुल संपत्ति से ज्यादा है.

कोरोना के चलते कम हुई लोगों की इनकम

देश में अरबपतियों की संख्या और दौलत ऐसे समय बढ़ी, जब महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप से लोग परेशान हो रहे थे. महामारी के चलते न सिर्फ लाखों लोगों की मौत हुई, बल्कि इसने करोड़ों लोगों की आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी. बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां गईं और उनके काम-धंधे पर बुरा असर पड़ा. रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के चलते 2021 में भारत के 84 फीसदी परिवारों की इनकम कम हो गई.

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अमेरिका और चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा अरबपति

ऑक्सफेम की रिपोर्ट 'Inequality Kills' के अनुसार, भारत अब अरबपतियों की संख्या के मामले में टॉप3 देशों में से एक बन गया है. अब भारत से ज्यादा अरबपति सिर्फ अमेरिका और चीन में हैं. फ्रांस, स्वीडन और स्विट्जरलैंड तीनों देशों को मिलाकर जितने अरबपति हैं, उनसे ज्यादा अकेले भारत में हैं. दूसरी ओर देश की 50 फीसदी गरीब आबादी की नेशनल वेल्थ में महज 6 फीसदी हिस्सेदारी है. इससे पता चलता है कि भारत में असमानता किस तरह चिंताजनक रफ्तार से बढ़ रही है.

असमानता के चलते हर 4 सेकेंड में हो रही एक मौत

ऑक्सफेम इंडिया के सीईओ Amitabh Behar ने बताया कि असमानता सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में बढ़ी है. कोरोना महामारी के सबसे बुरे असर में से एक आर्थिक असमानता का बढ़ना है. अभी आलम यह है कि आर्थिक असमानता के चलते हर रोज कम-से-कम 21 हजार लोगों की जानें जा रही हैं. इसका मतलब हुआ कि असमानता के चलते हर 4 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है.

 

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