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कोरोना संकट के बीच अब अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के कई संकेत मिलने लगे हैं. ऐसे ही दो प्रमुख संकेत हैं निर्यात और ई-वे बिल के. सितंबर महीने में वस्तुओं के निर्यात में 5.27 फीसदी की बढ़त हुई है, जबकि इसी दौरान ई-वे बिल भी रिकॉर्ड संख्या में बने हैं. ई-वे बिल का बढ़ना सामान की आवाजाही बढ़ने का संकेत होता है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में बताया है कि सितंबर महीने में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट यानी वस्तुओं के निर्यात में 5.27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 'तेजी से सुधार' हो रहा है और अब यह कोविड-19 के दौर से भी आगे बढ़ चुकी है.
दूसरी तरफ, वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने गुरुवार को बताया कि सितंबर महीने में ई-वे (E-way) बिल जनरेशन का रिकॉर्ड बना है. इस दौरान 5.74 करोड़ ई-वे बिल बने हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है और एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले 9.3 फीसदी ज्यादा है. पिछले साल सितंबर महीने में 5.24 करोड़ ई-वे बिल जनरेट हुआ था.
क्या कहा वाणिज्य मंत्री ने
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि करीब छह महीने तक गिरावट देखने के बाद सितंबर महीने में वस्तु निर्यात 5.27 फीसदी बढ़कर 27.4 फीसदी बढ़ गया. उन्होंने ट्वीट किया, 'यह भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज सुधार का संकेत है. मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड: भारतीय वस्तु व्यापार सितंबर में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 5.27 फीसदी बढ़ा है.'
पहले लगातार थी गिरावट
गौरतलब है कि कोरोना महामारी और इसकी वजह से दुनियाभर में मांग में आई कमी की वजह से मार्च महीने से देश के निर्यात में गिरावट देखी जा रही थी. पेट्रोलियम, लेदर, इंजीनियरिंग गुड्स, ज्वैलरी जैसी सभी प्रमुख वस्तुओं के निर्यात में गिरावट देखी जा रही थी.
ई-वे बिल का रिकॉर्ड
सितंबर महीने में 5.74 करोड़ ई-वे बिल बने हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है और एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले 9.3 फीसदी ज्यादा है. इसके पहले रिकॉर्ड 5.72 करोड़ ई-वे बिल जनरेशन फरवरी 2020 में हुआ था. अजय भूषण पांडेय ने बताया कि 30 सितंबर 2020 को 26.19 लाख ई-वे बिल का जरनेशन हुआ है, जो अभी तक एक दिन का रिकॉर्ड है.
क्या होता है ई-वे बिल
ई-वे बिल का फुल फॉर्म होता है इलेक्ट्रॉनिक-वे बिल. सामान की आवाजाही के लिए यह जरूरी है और ई-वे बिल पोर्टल पर इसे दर्ज किया जाता है. कोई भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाला व्यक्ति किसी वाहन में 50,000 रुपये से ज्यादा कीमत का सामान ई-वे बिल के बिना नहीं ले जा सकता. इलेक्ट्रॉनिक तरीके से तैयार ई-वे बिल एक साथ सप्लायर, सामान लेने वाले और ट्रांसपोर्टर सबको दिया जा सकता है. ई-वे बिल के बढ़ने का मतलब यह है कि कारोबार बढ़ रहा है और अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है.