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इकोनॉमी में सुधार के नए संकेत: प्रवासी मजदूर ज्यादा पैसा भेज रहे घर, EPFO रजिस्ट्रेशन बढ़ा 

एसबीआई इकोरैप रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों द्वारा अपने घर पैसा भेजना बढ़ा है और यह फरवरी के स्तर पर पहुंच गया है. इसी तरह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में नए रजिस्ट्रेशन की संख्या मे भी बढ़त दर्ज की गयी है. 

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प्रवासी मजदूर ज्यादा पैसे भेज रहे (फाइल फोटो: India Today)
प्रवासी मजदूर ज्यादा पैसे भेज रहे (फाइल फोटो: India Today)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अब प्रवासी मजदूर ज्यादा पैसा भेज रहे घर
  • यह आंकड़े कोविड-19 से पहले के दौर में पहुंचे
  • यह इकोनॉमी में सुधार का एक संकेत है

देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के कुछ नए संकेत दिखने लगे हैं. एसबीआई इकोरैप रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर में प्रवासी मजदूरों के घर पैसे भेजने में बढ़त दर्ज की गयी. इसी तरह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में नए रजिस्ट्रेशन की संख्या भी बढ़ी है. 

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एसबीआई इकोरैप रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों द्वारा अपने घर पैसा भेजना बढ़ा है और यह फरवरी के स्तर पर पहुंच गया है. इसी तरह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में नए रजिस्ट्रेशन की संख्या मे भी बढ़त दर्ज की गयी है. 

मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक एक और अच्छी बात इस दौरान जनधन खातों की संख्या में बड़ी वृद्धि होना है. इनकी संख्या अब 41 करोड़ के पार जा चुकी है. 

कोविड-19 के पहले वाले दौर में आए आंकड़े 

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक प्रवासी मजदूरों द्वारा अपने घरों को भेजे जाने वाले पैसे में अप्रैल में लॉकडाउन के बाद भारी गिरावट आयी थी. जून और जुलाई से इसमें सुधार देखा गया. सितंबर के आंकड़े कोविड-19 महामारी से पहले फरवरी के स्तर को भी पार कर गए हैं. यह दिखाता है कि प्रवासी मजदूर आजीविका के लिए काम पर लौटने लगे हैं. हालांकि अगस्त में कई इलाकों में भारी बारिश के चलते काम बाधित रहा और मजदूरों के घर पैसे भेजने में गिरावट दर्ज की गयी. 

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एसबीआई रिसर्च का प्रवासी मजदूरों के घर पैसे भेजने का सूचकांक फरवरी में 112 अंक था जो आमतौर पर 100 के आसपास रहता है. वहीं अप्रैल में यह गिरकर 85 अंक पर आ गया था. लेकिन मई में इसमें सुधार दर्ज किया गया. मई में यह 94, जून में 105, जुलाई में 103 और अगस्त में 97 रहा, जबकि सितंबर में यह फिर से 115 अंक पर पहुंच गया. 

EPFO  रजिस्ट्रेशन का बेहतर आंकड़ा 

इसी तरह ईपीएफओ के अप्रैल-अगस्त 2020 के पेरोल आंकड़ों के अनुसार, उसके पास 25 लाख नए रजिस्ट्रेशन हुए. इनमें से 12.4 लाख पहली बार पंजीकृत होने वाले लोग रहे. इसके अलावा 14 अक्टूबर तक कुल जनधन खातों की संख्या 41.05 करोड़ रही. इन खातों में कुल बकाया जमा 1.31 लाख करोड़ रुपये रही. 

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