भारत में खाने के तेल (Edible Oils) के दाम में पिछले कुछ हफ्तों में थोड़ी नरमी देखने को मिली है. हालांकि, इसी बीच एक नया डेवलपमेंट सामने आया है. इससे एक बार फिर भारत में खाने के तेल और खास रिफाइंड ऑयल के दाम में तेजी देखने को मिल सकती है. इससे आम लोगों को बड़ा झटका लग सकता है, जो पहले से महंगाई से जूझ रहे हैं. देश में पेट्रोल-डीजल, दूध, सीएनजी और पीएनजी के दाम में हाल में बढ़ोतरी के बीच एडिबल ऑयल के महंगा होने से लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है.
इस वजह से बढ़ सकते हैं एडिबल ऑयल के दाम
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इंडोनेशिया में पैदा हुए पाम ऑयल (Palm Oil) संकट की वजह से भारत में खाने के तेल (Edible Oil Price) में तेजी देखने को मिल सकती है. यह काफी अलग तरह का संकट है, जिसमें दुनिया में पाम ऑयल (Palm Oil) का सबसे ज्यादा उत्पादन और एक्सपोर्ट करने वाले देशों में शुमार इंडोनेशिया में ही पाम ऑयल की किल्लत हो गई है. यह किल्लत इतनी बड़ी है कि इंडोनेशिया की सरकार को प्राइस कंट्रोल करने के लिए कई तरह के कदम उठाने पड़ रहे हैं. इनमें प्राइस कंट्रोल और एक्सपोर्ट से जुड़े कुछ कदम शामिल हैं.
एक साल में 57% बढ़े रेट
इंडोनेशिया में एक लीटर ब्रांडेड कुकिंग ऑयल की कीमत मार्च, 2021 में 14,000 इंडोनेशियाई रुपये थी. यह मार्च 2022 में बढ़कर 22,000 इंडोनेशियाई रुपये हो गई. इस तरह एक साल में देश में खाने के तेल में 57 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. एक फरवरी को इंडोनेशिया की सरकार ने खुदरा कीमतों के लिए एक अधिकतम सीमा तय की थी.
इंडोनेशिया की सरकार लेने जा रही कड़ा फैसला
घरेलू स्तर पर प्राइस कंट्रोल के साथ सरकार ने एक्सपोर्टर्स के लिए भी नियम कड़े किए हैं. सरकार ने एक्सपोर्टर्स के लिए प्लान्ड शिपमेंट का 20 फीसदी हिस्सा घरेलू बाजार में बेचना अनिवार्य कर दिया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडोनेशिया की सरकार पाम ऑयल से जुड़ी किल्लत को देखते हुए इसके एक्सपोर्ट पर बैन लगाने के बारे में सोच रही है.
भारत के लिए अहम डेवलपमेंट
भारत अपनी खाद्य तेल की कुल जरूरत का 60 फीसदी दूसरे देशों से इम्पोर्ट करता है. वहीं, कुल इम्पोर्टेड खाद्य तेल में पाम ऑयल की हिस्सेदारी 60 फीसदी है. भारत बड़े पैमाने पर इंडोनेशिया से तेल इम्पोर्ट करता है. ऐसे में इंडोनेशिया में पाम ऑयल की किल्लत का असर घरेलू बाजार में जल्द देखने को मिल सकता है.