दुनिया में मौजूद पर्यटक स्थलों पर भारत समेत अन्य देशों के लोग घूमने के लिए जाते रहते हैं. लेकिन एक छोटा सा देश ऐसा है जहां जाना भारत के पर्यटकों के लिए खासा महंगा साबित होता है. जी हां यहां पर पहुंचने वाले पर्यटकों से लैंड करते ही टैक्स (Tax) के रूप में तकरीबन एक लाख रुपये वसूल लिया जाता है. इस देश का नाम है अल साल्वाडोर (El Salvador) और यहां न केवल भारतीय बल्कि करीब 50 से ज्यादा अफ्रीकी और एशियाई देशों के पासपोर्ट पर ये टैक्स लगाया जाता है.
भारत समेत 50 पासपोर्ट पर टैक्स
फोंसेका की खाड़ी पर स्थित अल सल्वाडोर (El Salvador) में कई ऐसे पर्यटक स्थल मौजूद हैं, जहां बड़ी तादाद में दुनिया भर से पर्यटक पहुंचते हैं. अक्टूबर की शुरुआत से ही इस देश ने नई टैक्स वसूल शुरू कर दी है, जो यहां आ रहे पर्यटकों से वसूली जाएगी. दरअसल, अल सल्वाडोर बंदरगाह प्राधिकरण की वेबसाइट पर शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, भारत समेत 57 अफ्रीकी-एशियाई देशों के पासपोर्ट पर यहां आने वाले लोगों को 1000 डॉलर या करीब 83,000 रुपये से ज्यादा का शुल्क देना होगा.
अनिवार्य शुल्क के रूप में करना होगा पेमेंट
इन 50 देशों के पासपोर्ट पर अल सल्वाडोर में एंट्री लेने वाले लोगों से शुल्क पर वैट भी वसूले जाने का प्रावधान है, जिससे ये रकम और भी ज्यादा हो जाती है. रिपोर्ट के मुताबिक, VAT के साथ यात्रियों को 1130 डॉलर का पेमेंट करना होता है, जो कि इंडियन करेंसी में 94,000 रुपये से भी ज्यादा हो जाती है. अक्टूबर 2023 से लागू देश की सरकार के इस फैसले के बारे में तमाम एयरलाइंस कंपनियों ने यात्रियों को इस अनिवार्य शुल्क के बारे में सूचित करना भी शुरू कर दिया है.
पर्यटकों से वसूली रकम का यहां इस्तेमाल
El Salvador में ये नया शुल्क 23 अक्टूबर से प्रभावी हो गया है. इसके पीछे का कारणों की बात करें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफ्रीका और अन्य दूसरे देसों से कई प्रवासी मध्य अमेरिका के रास्ते ही अमेरिका पहुंचते हैं. प्राधिकरण के बयान के मुताबिक, इन पर्यटकों से टैक्स के रूप में वसूली गई इस राशि का इस्तेमाल देश के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा.
इस मुद्दे को लेकर गंभीर राष्ट्रपति
अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने बीते सप्ताह देश में अनियमित माइग्रेशन पर चर्चा करने के लिए पश्चिमी गोलार्ध मामलों के लिए अमेरिकी सहायक सचिव ब्रायन निकोल्स से मुलाकात की थी और इस संबंध में गहन चर्चा की गई थी. सितंबर में समाप्त फाइनेंशियल ईयर में अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा गश्ती दल को देश भर में रिकॉर्ड 3.2 मिलियन प्रवासियों का सामना करना पड़ा.
क्रिप्टोकरेंसी से खरीदारी करते हैं यहां के लोग
अल सल्वाडोर न केवल पर्यटक स्थलों के लिए मशहूर है, बल्कि इस देश में दुनिया का पहला एक गांव ऐसा भी है, जहां रहने वाले लोग क्रिप्टोकरेंसी से राशन-सब्जी खरीदते हैं. और अपने बिल भरते हैं. देश की संसद की ओर से क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक मुद्रा का दर्जा दिया गया है. इसके बाद से ही अल जोंटे गांव में रोजमर्रा के सामान खरीदने के लिए भी क्रिप्टोकरेंसी का ही इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही दुनिया का एकमात्र ऐसा देश अल सल्वाडोर ही है, जहां First Bitcoin City बनाने की तैयारी की जा रही है. राष्ट्रपति नायब बुकेले का कहना है कि मध्य अमेरिकी देश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए क्रिप्टो मुद्रा का उपयोग करने के लिए अपनी शर्त को दोगुना कर दिया.'