ग्लोबल स्तर पर करीब 28 फीसदी कर्मचारी नौकरी बदलने (Employees Jobs Change) के बारे में सोचे रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि वे खुद को अपने वर्तमान कंपनी के साथ नहीं देखना चाहते हैं. एक रिपोर्ट का दावा है कि कर्मचारी (Employees) नए अवसर की तलाश में जुटे हुए हैं. वहीं कुछ ऐसे भी कर्मचारी भी हैं, जो के साथ स्विचिंग के बारे में सोच रहे हैं.
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की रिपोर्ट का कहना है कि भारत में भी बड़े स्तर कर्मचारी नौकरी बदले की तैयारी में हैं. भारत में 26 फीसदी या हर चौथा कर्मचारी (Employees in India) अगले साल के दौरान नौकरी बदलना चाहता है. ऐसे में कंपनियों के लिए कई चुनौती खड़ी हो सकती है. सिर्फ भारत में ही नहीं, ग्लोबल स्तर पर भी कंपनियों के लिए यह संकट खड़ा हो सकता है.
क्यों जॉब बदलना चाहते हैं कर्मचारी
प्राइवेट सेक्टर के ज्यादातर कर्मचारियों (Private Sector Employees) का कहना है कि महंगाई (Inflation) बढ़ने और सैलरी में मामूली बढ़ोतरी या नहीं बढ़ने के कारण नए अवसर के तलाश में हैं. इसके अलावा ज्यादा घंटे तक काम, कम लाभ और दूसरी भावनात्मक आवश्यकताएं थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, नियोक्ताओं के लिए यह समझना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि उनके कर्मचारियों के लिए वास्तव में क्या मायने रखता है, इसे प्राथमिकता दें और फिर वैसा काम करें.
कर्मचारियों के लिए वेतन सबसे बड़ी पसंद
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, जब कर्मचारियों से सीधे तौर पर पूछा गया कि उनके लिए क्या सबसे ज्यादा अहम है तो उसमें सैलरी सबसे बड़ी पसंद थी. इसके बाद लाभ और सुविधाएं, जीवनशैली, अपने पसंद के कार्य को चुनना, सीखने के अवसर और अन्य थे. बीसीजी के सर्वे डेटा के मुताबिक, कंपनी के मैनेजमेंट का सबसे ज्यादा प्रभाव नौकरी पर पड़त है. अगर मैनेजमेंट कर्मचारियों की सुविधा को प्रभावित करती है तो नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
मैनेजर के कारण भी जॉब बदलना चाहते हैं कर्मचारी
गौरतलब है कि बीसीजी के नए कर्मचारी सर्वे में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका, यूके, कनाडा, फ्रांस और जर्मनी समेत आठ देशों के 11,000 कर्मचारी शामिल थे. इस सर्वे में कर्मचारियों ने 20 से ज्यादा अलग-अलग जरूरतों के बारे में जानकारी दी. इसके अलावा, सर्वे में कहा गया है कि कर्मचारियों को मैनेजर के प्रति गहरा असंतोष भी रहा है, जिस कारण भी कर्मचारी नौकरी बदलने पर विचार कर रहे हैं.